अध्याय 5
1 [स]
रथस्थं पुरुषव्याघ्रं दृष्ट्वा कर्णम अवस्थितम
हृष्टॊ दुर्यॊधनॊ राजन्न इदं वचनम अब्रवीत
1 [स]
रथस्थं पुरुषव्याघ्रं दृष्ट्वा कर्णम अवस्थितम
हृष्टॊ दुर्यॊधनॊ राजन्न इदं वचनम अब्रवीत
रामदास और मोतीराम दोनों बहुत अच्छे मित्र थे| एक बार मोतीराम को किसी काम से दूसरे शहर में जाना पड़ा| काम अधिक समय तक चलने वाला था, अत; वह सपरिवार गया और जाते समय अपने मकान की चाबी तथा कीमती समान अपने मित्र रामदास को सौंप दिया|
अमरूद हमारे देश का एक प्रमुख फल है| इसके अंदर सौकड़ों की संख्या में छोटे-छोटे बीज होते हैं| अमरूद मीठा और स्वादिष्ट फल होने के साथ-साथ कई औषधीय गुणों से भरा हुआ है। सर्दियों में अमरूद खाने के फायदे ही फायदे हैं। दंत रोगों के लिए अमरूद रामबाण साबित होता है। अमरूद के पत्तों को चबाने से दांतों के कीड़ा और दांतों से सम्बंधित रोग भी दूर हो जाते हैं। इसके अलावा भी ये कई औषधीय गुणो के लिए जाना जाता है।
किसी वृक्ष पर एक कौए और बटेर का बसेरा था| एक बार पक्षियों को जानकारी मिली कि उनके राजा गरुड़ सागर किनारे आने वाले है| सभी पक्षी एकत्रित होकर उनके दर्शनार्थ सागर किनारे की ओर चल पड़े| कौआ और बटेर भी गए|
प्रेम भगति जै देऊ करि गीत गोबिंद सहज धुनि गावै |
लीला चलित वखानदा अंतरजामी ठाकुर भावै |
जब कंसने देवकी-वसुदेवके छ: पुत्रोंको मार डाला, तब देवकीके गर्भमें भगवान् बलराम पधारे| योगमायाने उन्हें आकर्षित करके नन्दबाबाके यहाँ निवास कर रही श्रीरोहिणीजीके गर्भमें पहुँचा दिया| इसीलिये उनका एक नाम संकर्षण पड़ा| बलवानोंमें श्रेष्ठ होनेके कारण उन्हें बलभद्र भी कहा जाता है|
1 And Moses called unto all Israel, and said unto them, Hear, O Israel, the statutes and the ordinances which I speak in your ears this day, that ye may learn them, and observe to do them.
Vaishampayana said, “Even after hearing the words of Vidura, the chief ofthe Kurus, afflicted with grief on account of the death of his sons, felldown senseless on the Earth.