Home2011February (Page 45)

वह साधु विचित्र स्वभाव का था। वह बोलता कम था। उसके बोलने का ढंग भी अजब था। माँग सुनकर सब लोग हँसते थे। कोई चिढ़ जाता था, तो कोई उसकी माँग सुनी-अनुसनी कर अपने काम में जुट जाता था।

अनानास का फल बहुत स्वादिष्ट होता है | इसके कच्चे फल का स्वाद खट्टा तथा पके फल का स्वाद मीठा होता है । इसके फल में थाइमिन,राइबोफ्लेविन,सुक्रोस,ग्लूकोस,कैफीक अम्ल,सिट्रिक अम्ल,कार्बोहाईड्रेट तथा प्रोटीन पाया जाता है| गर्मी के मौसम में जूस पीने के अपने फायदे हैं। अगर आप भी जूस पीना पसंद करते हैं, तो इस बार पाइनेपल यानि अनानास का जूस लीजिए। अनानास का जूस पीने के यह कीमती फायदे जानकर आप इसे पिए बगैर नहीं रह सकेंगे। 

पूर्वकाल में घोड़े भी जंगली जानवरों की तरह ही जंगलों में रहा करते थे| लोग अन्य जंगली जानवरों की तरह उनका भी शिकार किया करते थे|

 

Janamejaya said, “After the holy Vyasa had departed, what, O regeneratesage, did king Dhritarashtra, do? It behoveth thee to tell me this. Whatalso did the Kuru king, the high-souled son of Dharma, do? And how didthose three, Kripa and others, do? I have heard of the feats ofAshvatthama and the mutual denouncement of curses. Tell me what happenednext and what Sanjaya next said (unto the old king).”