Home2011February (Page 23)

एक बार इंद्र अपने दरबार में सभी देवताओं के साथ बैठे पृथ्वी की स्थिति पर चर्चा कर रहे थे। पृथ्वी के जीवन, वहां की समस्याओं व मांगों के विषय में सभी अपने-अपने विचार रख रहे थे। इंद्र का आग्रह था कि पृथ्वी के जीवन के विषय में उन्हें सही वस्तुस्थिति का ज्ञान हो जाए तो वे सुधार की दिशा में कुछ सकारात्मक कदम उठाएं।

बादशाह अकबर के मन में विचार आया कि आने वाली पीढ़ी को अपने बारे में जानकारी देने के लिए महाभारत की तर्ज पर शाही महाभारत लिखवाई जाए| इसके लिए उन्हें बीरबल ही उपयुक्त लगा| अत: उन्होंने अपनी इच्छा बीरबल को बता दी|

प्राय: दांत निकलते समय बहुत से बच्चों को तकलीफ उठानी पड़ती है| इस दौरान उन्हें कई व्याधियां घेर लेती हैं| यदि शुरुआती दौर में ध्यान दिया जाए तो बच्चे इन पीड़ाओं से बच सकते हैं|

एक मेमना बहुत ही चंचल स्वभाव का था| उसकी माँ उसे अक्सर समझाया करती थी, ‘बेटा! अकेले इधर-उधर न जाया कर! ज़माना खराब है|’ लेकिन वह अपनी माँ की बात अनसुनी कर देता था|

एक पहाड़ के उन्नत शिखर पर एक बाज रहता था| उसी पहाड़ की तलहटी में बरगद के एक विशाल वृक्ष पर कौए का घोंसला था| वह कौआ बड़ा चालक और धूर्त था| उसका सदैव यही प्रयास रहता कि बिना परिश्रम किए कहीं से कुछ खाने को मिल जाए तो वह अपना पेट भर ले|