अध्याय 7
1 [वै]
अथापरॊ भीमबलः शरिया जवलन्न; उपाययौ सिंहविलास विक्रमः
खजं च दर्वीं च करेण धारयन्न; असिं च कालाङ्गम अकॊशम अव्रणम
1 [वै]
अथापरॊ भीमबलः शरिया जवलन्न; उपाययौ सिंहविलास विक्रमः
खजं च दर्वीं च करेण धारयन्न; असिं च कालाङ्गम अकॊशम अव्रणम
“Lomasa continued, ‘When Agastya thought that girl to be competent forthe duties of domesticity, he approached that lord of earth-the ruler ofVidharbhas-and addressing him, said, ‘I solicit thee, O king, to bestowthy daughter Lopamudra on me.’ Thus addressed by the Muni, the king ofthe Vidharbhas swooned away.
एक बार इंद्र अपने दरबार में सभी देवताओं के साथ बैठे पृथ्वी की स्थिति पर चर्चा कर रहे थे। पृथ्वी के जीवन, वहां की समस्याओं व मांगों के विषय में सभी अपने-अपने विचार रख रहे थे। इंद्र का आग्रह था कि पृथ्वी के जीवन के विषय में उन्हें सही वस्तुस्थिति का ज्ञान हो जाए तो वे सुधार की दिशा में कुछ सकारात्मक कदम उठाएं।
1 [स]
ततः संशप्तका राजन समे देशे वयवस्थिताः
वयूह्यानीकं रथैर एव चन्द्रार्धाख्यं मुदान्विताः
“Yudhishthira said, ‘Tell us, O king, what is that reward attached to theworship of Brahmanas, seeing which thou worshippest them, O thou ofsuperior intelligence! Indeed, what is that success, flowing from theirworship, guided by which thou worshippest them?’
बादशाह अकबर के मन में विचार आया कि आने वाली पीढ़ी को अपने बारे में जानकारी देने के लिए महाभारत की तर्ज पर शाही महाभारत लिखवाई जाए| इसके लिए उन्हें बीरबल ही उपयुक्त लगा| अत: उन्होंने अपनी इच्छा बीरबल को बता दी|
प्राय: दांत निकलते समय बहुत से बच्चों को तकलीफ उठानी पड़ती है| इस दौरान उन्हें कई व्याधियां घेर लेती हैं| यदि शुरुआती दौर में ध्यान दिया जाए तो बच्चे इन पीड़ाओं से बच सकते हैं|
एक मेमना बहुत ही चंचल स्वभाव का था| उसकी माँ उसे अक्सर समझाया करती थी, ‘बेटा! अकेले इधर-उधर न जाया कर! ज़माना खराब है|’ लेकिन वह अपनी माँ की बात अनसुनी कर देता था|
एक पहाड़ के उन्नत शिखर पर एक बाज रहता था| उसी पहाड़ की तलहटी में बरगद के एक विशाल वृक्ष पर कौए का घोंसला था| वह कौआ बड़ा चालक और धूर्त था| उसका सदैव यही प्रयास रहता कि बिना परिश्रम किए कहीं से कुछ खाने को मिल जाए तो वह अपना पेट भर ले|
1 Thou shalt not sacrifice unto Jehovah thy God an ox, or a sheep, wherein is a blemish, [or] anything evil; for that is an abomination unto Jehovah thy God.