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बादशाह अकबर के पुत्र शहजादा सलीम तथा दिल्ली के एक व्यापारी के पुत्र की आपस में गहरी मित्रता हो गई थी| वे दोनों अक्सर सारा-सारा दिन साथ ही बिताते थे| जिस कारण दोनों के ही पिता परेशान थे| व्यापारी के पुत्र ने मित्रता के कारण व्यापार में ध्यान देना छोड़ दिया था तथा शहजादा सलीम भी राज-काज की तरफ ध्यान नहीं देता था|

परम भागवत वसुदेवजी यदुवंशके परम प्रतापी वीर शूरसेनके पुत्र थे| इनका विवाह देवककी सात कन्याओंसे हुआ था| रोहिणी भी इन्हींकी पत्नी थीं| देवकीजी देवककी सबसे छोटी कन्या थीं|

एक सुरम्य वन में स्थित झील में बहुत से जलचर बड़े ही प्रेमभाव से रहते थे| उन्हीं में एक केकड़ा और सारस भी थे| दोनों में अच्छी मित्रता थी| सारस को कोई दुख था तो बस यह कि एक साँप आकर उसके अंडे खा जाया करता था|