श्री भैरव चालीसा – Shri Bharov Chalisa
बाबा भैरवनाथ को माँ वैष्णो का वरदान प्राप्त है, बिना बाबा भैरवनाथ के दर्शन के माता वैष्णो के दर्शन अधूरे माने जाते हैं। आइये जानते हैं बाबा भैरवनाथ को प्रशन्न करने के लिए पड़ी जाने वाली चालीसा।
बाबा भैरवनाथ को माँ वैष्णो का वरदान प्राप्त है, बिना बाबा भैरवनाथ के दर्शन के माता वैष्णो के दर्शन अधूरे माने जाते हैं। आइये जानते हैं बाबा भैरवनाथ को प्रशन्न करने के लिए पड़ी जाने वाली चालीसा।
श्री जार्ज बनार्ड शा अंग्रेजी भाषा के विख्यात लेखक एवं शिरोमणी नाटककार थे| कहते हैं कि वह जिस तरह अच्छा लिखते थे|
“Karna said, ‘Without doubt, O Kesava, thou hast said these words fromthy love, affection, and friendship for me, as also in consequence of thydesire of doing me good, O thou of Vrishni’s race.
“Sanjaya said, ‘Saying these words, king Duryodhana pierced Arjuna withthree shafts of great impetuosity and capable of penetrating into thevery vitals.
“Vrihadaswa said, ‘Having made this compact with Dwapara, Kali came tothe place where the king of the Nishadhas was.
दो मित्र थे| दोनों में बहुत ही गहरी मित्रता थी| लोग भी उनकी मित्रता की मिसाल दिया करते थे|