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नमक के एक व्यापारी के पास एक गधा था| वह नित्य ही प्रातःकाल उस पर नमक की बोरियाँ लादकर निकटवर्ती कस्बों में बेचने निकल जाया करता था| वहाँ तक जाने के लिए उसे कई छोटी-मोटी नदियाँ और नाले पार करने पड़ते थे|

एक बार भगवान नारायण वैकुण्ठलोक में सोये हुए थे। उन्होंने स्वप्न में देखा कि करोड़ों चन्द्रमाओं की कांतिवाले, त्रिशूल-डमरू-धारी, स्वर्णाभरण-भूषित, सुरेन्द्र-वन्दित, सिद्धिसेवित त्रिलोचन भगवान शिव प्रेम और आनन्दातिरेक से उन्मत्त होकर उनके सामने नृत्य कर रहे हैं।

बादशाह अकबर और बीरबल महल में यमुना नदी को निहार रहे थे| वर्षा के मौसम में नदी अपने पूरे उफान पर थी| इसी उफान के कारण बहाव से जो आवाज आ रही थी, उससे ऐसा लग रहा था मानो नदी रो रही है|