ऐसी चतुराई किस काम की
नमक के एक व्यापारी के पास एक गधा था| वह नित्य ही प्रातःकाल उस पर नमक की बोरियाँ लादकर निकटवर्ती कस्बों में बेचने निकल जाया करता था| वहाँ तक जाने के लिए उसे कई छोटी-मोटी नदियाँ और नाले पार करने पड़ते थे|
नमक के एक व्यापारी के पास एक गधा था| वह नित्य ही प्रातःकाल उस पर नमक की बोरियाँ लादकर निकटवर्ती कस्बों में बेचने निकल जाया करता था| वहाँ तक जाने के लिए उसे कई छोटी-मोटी नदियाँ और नाले पार करने पड़ते थे|
“Lomasa said, ‘The Pitris of those men who, without having wedded wivesof their own, betake themselves to the wives of other people, becomefilled with disappointment when the time for the Sraddhas comes.
एक बार भगवान नारायण वैकुण्ठलोक में सोये हुए थे। उन्होंने स्वप्न में देखा कि करोड़ों चन्द्रमाओं की कांतिवाले, त्रिशूल-डमरू-धारी, स्वर्णाभरण-भूषित, सुरेन्द्र-वन्दित, सिद्धिसेवित त्रिलोचन भगवान शिव प्रेम और आनन्दातिरेक से उन्मत्त होकर उनके सामने नृत्य कर रहे हैं।
बादशाह अकबर और बीरबल महल में यमुना नदी को निहार रहे थे| वर्षा के मौसम में नदी अपने पूरे उफान पर थी| इसी उफान के कारण बहाव से जो आवाज आ रही थी, उससे ऐसा लग रहा था मानो नदी रो रही है|
ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो
राह में आए जो दीन दुखी सबको गले से लगाते चलो ..
Dhritarashtra said, “Seeing Drona’s son stop at the gate of theencampment, what, O Sanjaya, did those two mighty car-warriors, Kripa andKritavarma, do? Tell me this!”