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तुलसी से जुड़ी एक कथा बहुत प्रचलित है। श्रीमद देवि भागवत पुराण में इनके अवतरण की दिव्य लीला कथा भी बनाई गई है। एक बार शिव ने अपने तेज को समुद्र में फैंक दिया था। उससे एक महातेजस्वी बालक ने जन्म लिया। यह बालक आगे चलकर जालंधर के नाम से पराक्रमी दैत्य राजा बना। इसकी राजधानी का नाम जालंधर नगरी था।

बादशाह अकबर को बीरबल से मजाक करने की सूझी| उन्होंने एक दांता बनवाया और उसे इस तरह का रूप दिया कि पता न चले कि वह दांता है, और जो भी उसमें हाथ डाले उसका हाथ फंस जाए| बादशाह ने उसमें एक सेब रख दिया|

इसकी प्रकृति गर्म व शीतल है तथा इसका स्वाद कसैलापन लिए होता है| यह पाचाकाग्नि को प्रदीप्त करता है| शरीर के अनेक विकारों को दूर करने के लिए एक औषधि के रूप में भी इसका उपयोग किया जाता है|