लोभी ब्राह्मण
पाटिलपुत्र नगर में चार ब्राह्मण मित्र रहते थे| वे निर्धन थे| एक दिन नगर में महात्मा भैरवानन्द का आगमन हुआ| भैरवानन्द की ख्याति सुन चारों ब्राह्मण मित्र उनके पास पहुँच कर बोले- ‘आप त्रिकालदर्शी सिद्ध महात्मा है| आपकी कृपादृष्टि हम जैसे अभागों का भाग्य बदल सकती है|’