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एक भेड़िया था, वह बड़ा ही धूर्त था| एक दिन जंगल में घूमते-घूमते उसे एक मोटा-ताजा मर हुआ बैल पड़ा दिखा| जंगली जीवों ने जगह-जगह से उसे नोंच रखा था| बैल का माँस देखकर भेड़िए के मुहँ में पानी भर आया|

प्राचीन समय की बात है, सिंधुसेन नामक एक दैत्य ने देवताओं को परास्त कर यज्ञ छीनकर उसे रसातल में छिपा दिया। यज्ञ के अभाव में देवताओं का बल, ऐश्वर्य और वैभव नष्ट होने लगा। तब उन्होंने भगवान विष्णु से सहायता की प्रार्थना की।

बादशाह अकबर ने दरबार में बीरबल से कहा – “मैंने पढ़ा था कि एक बार श्रीकृष्ण हाथी की पुकार पर उसे बचाने पैदल ही दौड़ पड़े थे? ऐसा क्यों… वे नौकर-चाकर भी साथ ले सकते जा थे, रथ पर भी जा सकते थे|”

भारत एक त्योहारों का देश है| यहां भिन्न भिन्न जाती , वर्णों , समुदाए और भाषाओँ के लोग आपस मे सह अस्तित्व की भावना से मिल जुल कर रहते हैं| यहां हिंदू, मुस्लिम, सिख और इसाई धरम के लोग पर्वो और त्योहारों को धूम धाम से मनाते हैं| फिर भी इसाई धर्म के त्योहार बाकी मतावलंबियों के लिए बहुत हद तक अनजाने ही बने रहते हैं। हालांकि बड़ा दिन यानी २५ दिसम्बर सभी धर्म के लोग मनाते हैं| लेकिन गुड फ्राइडे अभी भी बहुत से लोगों के लिए एक रहस्य है।