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एक तहसीलदार (व्ही.एच.ठाकुर) रेवेन्यू विभाग में कार्यरत थे| बहुत पढ़े-लिखे होकर भी उन्हें सत्संग से बहुत लगन थी| इसलिए अपने विभाग के साथ जहां कहीं भी जाते, यदि वहां किसी संत महात्मा के बारे में सुनते तो उनके दर्शन अवश्य करते|

अनंतराव पाटणकर पूना के रहनेवाले थे| उन्होंने वेद और उपनिषदों का अध्ययन कर लिया था| उनका तत्वज्ञान भी समझ लिया था| लेकिन इतना सब करने के बाद भी उनका मन शांत न था|

एक बार बापू साहब बूटी शिरडी आये हुए थे| तब एक दिन उनसे बाबा साहब डेंगले जो ज्योतिष विद्या के जानकर भी थे, ने बापू साहब बूटी से कहा – “आज का दिन आपके लिए बहुत घातक है| आपके जीवन पर कोई संकट आ सकता है| सावधान रहिये|” इस बात को सुनकर बापू साहब उदास और बेचैन हो गये कि अब क्या होगा?