22 – जादुई गाँव वाले | Jadui Gao Wale | Tilismi Kahaniya
सब लोग टॉबी की आवाज आने से खुश थर।
टॉबी (घूमते हुए)- “वाह ! मैं तो बहुत खुश हूं, मै ठीक हो गया!”
शुगर- “हाँ टॉबी,! मैं भी बहुत खुश हूं ”
करमजीत- ” दादी मां अब हम चलते हैं. हमें एक महत्वपूर्ण कार्य को पूर्ण करने के लिए अपने मार्ग पर आगे बढ़ना होना होगा!”
तभी सब दादी मां के पैर छूते हैं और वह सभी को आशीर्वाद देती है।
दादी माँ- ” ठीक है मेरे प्यारे बच्चों!! तुम सभी अपनी रास्ते पर जाओ, मेरा आशीर्वाद तुम्हारे साथ है!”
कुश और लव- ” बहुत-बहुत शुक्रिया दादी मां!”
बुलबुल- “अब हम चलते हैं दादी माँ!”
और सभी वहां से अपने रास्ते की तरफ चल पड़ते हैं।
थोड़ी देर चलने पर एक घना जंगल आ जाता है।
लव- “कितना घना जंगल है!”
बुलबुल- “हां दिन में भी अंधेरा हो गया है यहां तो!”
कुश- “फिर तो यहां बड़े बड़े जानवर भी होंगे!”
सुनहरी चिड़िया- ” यहां अभी तो सब ठीक लग रहा है। तो वधिराज अब हमें किस दिशा पर मुड़ना चाहिए? ”
वधिराज- ” हमें अगर रास्ते में कोई व्यक्ति मिलता है तो उस से पूछना होगा,,, क्योंकि रास्ता काफ़ी लम्बा है!”
करण- “ठीक है वधिराज!”
तभी एक तीर उड़ता हुआ करण की तरफ आता है लेकिन सौभाग्यवश करमजीत तीर को देख लेता है और उस तीर को अपने खंजर से रोक कर दूर फेक देता है।
करण- ” यह क्या था कर्मजीत?”
करमजीत ( आश्चर्य से)- ” पता नहीं कौन था यह पापी? ”
बुलबुल- “लगता है फिर से कोई मुसीबत आ रही है!”
लव कुश- “हाँ हमे भी यही लग रहा है!”
चिड़िया- “चिंता मत करो, सब साथ रहो!”
सभी लोग बेहद डर जाते हैं और वहीं पर रुक जाते हैं।
वधिराज- ” आप लोग आगे मत बढ़ना,,,, मुझे लगता है यहां पर कोई है जो हमें देख रहा है? ”
बुलबुल ( डरते हुए)- “क्या?????? लेकिन आखिर कौन?”
वधिराज- “यह तो मुझे जा कर ही देखना होगा!”
लव कुश- “ध्यान से दोस्त!”
लेकिन तभी चारों ओर से बहुत सारे जंगल के कबीले वाले उन्हें घेर लेते हैं , उन की संख्या बहुत ज्यादा थी इसलिए वे सभी डर जाते हैं। कबीले के लोग कई वर्षों से वही रहते थे।
चिड़िया- “देखो तो ये तो कबीले के लोग हैं!”
बुलबुल–“अच्छा! इन का पूरा शरीर नीला है और चेहरे पर पीली रंग की धारियां बनी हुई हैं।”
लव- “देखने मे ये आधे इंसान और आधे जानवर लग रहे हैं!”
कुश– “बहुत डरावने हैं, ये सब। और काफी गुस्से में लग रहे हैं।”
टॉबी– ” इन के पास भाले भी हैं, ये तो हमे मार ही देंगे लगता है!”
शुगर- “डर लग रहा है टॉबी!!’
करण- “कबीला वासियों, आप सभी हमे गलत समझ रहे हैं,, हम आप सब को नुकसान पहुंचाने नहीं आए हैं? ”
कर्मजीत- ” आप कृपया कर के अपने भाले नीचे कर लीजिए!!”
लेकिन वे लोग तो किसी की बात समझ ही नहीं पा रहे थे।
चिड़िया- “करण, मुझे लगता है इन को हमारी भाषा समझ मे नही आ रही है!”
कर्मजीत- “हां मुझे भी ऐसा ही लग रहा है!”
तभी सारे कबीला वासी उन के चारों तरफ गोल गोल घूमते हैं और अजीब सी आवाज निकालने लगते हैं।
कबीला वासी- ” हू हू हू!!…हा आ हा आ…!! आरा ओरा आरा ओरा…हु हु हु…”
लव कुश (डर कर)- “ये क्या कह रहे हैं, हे भगवान!!”
बुलबुल– “अब क्या होगा, बहुत डर लग रहा है!”
करमजीत – “करण,, इन की भाषा तो हमारी समझ से परे है ,अब हम क्या करें? ”
बुलबुल- ” कहीं ऐसा ना हो कि ये हमारी बात को उल्टा समझ ले!”
वधिराज- ” चिंता मत करो, कोई ना कोई उपाय तो निकल ही जाएगा,,, लेकिन तुम सब अपनी जगह से मत हिलना, नहीं तो ये कबीले वाले हम पर आक्रमण कर देंगे!”
करण- “दोस्तों सब के सब झुक जाओ और नीचे बैठ जाओ, ताकि इन्हें ये ना लगे कि हम इन के दुश्मन हैं!”
तो करण और उस के सभी साथी झुक कर नीचे बैठ जाते हैं।
और तभी कबीले के लोग रुक जाते हैं और चुप हो जाते हैं।
चिड़िया- “करण, लगता है तुम्हारा ये उपाय काम कर रहा है!”
टॉबी- “हां ये सब रुक गए हैं और शांत भी लग रहे हैं!”
तभी 3 कबीला वासी उन के पास आते हैं और उन से बात करने की कोशिश करते हैं लेकिन उन्हें तो कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था।
कर्मजीत- “कुछ समझ मे नही आ रहा!”
करण- ” हो सकता है मेरी जादुई अंगूठी काम करें!”
तभी करण एक हाथ से अपनी जादुई अंगूठी निकालने लगता है
और कबिले वालों को लगता है कि शायद वह कुछ गलत करने वाला है और वे उन पर आक्रमण कर देते हैं, लेकिन तभी उस जादुई अंगूठी के कारण चारों तरफ एक जादुई आवरण बन जाता है।
करण- ” इन लोगों ने हम पर हमला कर दिया है अब हमें अपना बचाव करना होगा साथियों !! सभी लोग तैयार हो जाओ!”
वधिराज- “हाँ करण,,,,, सभी लोग अपने अपने हथियार तैयार कर लो!”
कुश और लव ( अपनी तलवार निकाल कर)- “हाँ,,,हम सब तैयार है,,,,!”
और जैसे ही वो आवरण हट जाता है सभी मित्र उन सभी कबीले वालों से युद्ध करने लग जाते हैं।
सभी मित्र अपने बचाव में लगे हुए हैं।
वधिराज अपना आकार बड़ा कर लेता है और करण और उस के साथियों की सहायता करने लगता है। लेकिन वह किसी भी कबीले वाले की जान नही लेता।
करण- “किसी की मृत्यु ना होने जाये वधिराज, ये लोग हमारे शत्रु नही हैं।”
वधिराज- “ठीक है करण, पर सब लड़ते रहो,,,, बिल्कुल भी मत डरना!”
और ऐसे ही सभी लोग उन कबीले वालों का सामना करते रहते हैं।
वहीं दूसरी ओर सुनहरी चिड़िया करण के कंधों पर बैठी हुई थी और ईश्वर से कामना कर रही थी,
चिड़िया- ” हे ईश्वर !! हम सभी की प्राणो की रक्षा करना!”
और सभी लोग बड़ी मेहनत से उन कबीले वालों का सामना कर रहे होते हैं।
तभी कबीले वाले लोग हारने लगते हैं,,,,,तो थोड़ी देर बाद सभी कबीला वासी थोड़ी दूर भाग जाते हैं और एक गोला बना कर कुछ मंत्र पढ़ने लगते हैं।
करण- “सब रुक जाओ, ये भाग रहे हैं!”
बुलबुल- “ये लोग क्या कर रहे हैं? ”
करण- ” मालूम नहीं बुलबुल!”
और तभी हवा मे नीले रंग का आवरण बन जाता है और आसमान से एक जादुई संगीत सुनाई पड़ने लगता है जिसे सुनने के बाद करण और उस के सभी साथी बेहोश हो जाते हैं।
वहीं थोड़ी देर बाद सब की आंख खुलती है।
तो देखते है कि कबीले वाले सब के चारों ओर भाले ले कर खड़े हैं!
सुनहरी चिड़िया- ” यह हम कहां आ गए हैं? ”
वधिराज- ” मुझे लगता है कबीले वाले हमें अपने अड्डे पर ले आए हैं!”
कुश- ” मुझे तो बहुत डर लग रहा है अब क्या होगा?? हे भगवान!”
कर्मजीत– ” हां वो देखो, सिहांसन पर भी एक आदमी बैठा है, लगता है वो इन सब का राजा है।
टॉबी- “हाँ देखो, वह शायद उठ नही सकता, उस के पैर में काफी गहरी चोट लगी है।”
शुगर- “हां, लेकिन यह सब लोग काफी खतरनाक लग रहे हैं!”
करण- ” तुम सब चिंता मत करो,,, सब लोग हिम्मत से काम लो!”
तभी सिंहासन पर बैठा हुआ आदमी अपनी भाषा में अपने सैनिकों को आदेश देता है।
सिहांसन पर बैठा आदमी- “हा हा.. हु हु अलो ओरो बोरो!”
लेकिन इस बार करण कबीले के राजा की आंखों में आंखें डाल कर उस के सामने झुक जाता है।
राजा- “ह्म्म्मम्म! वई आ वु”
करण अपने हाथों से इशारा कर के कुछ बोलने का प्रयास करता है लेकिन राजा कुछ समझ नहीं पाता।
और इसी बीच करण अपने हाथ में पहनी हुई जादुई अंगूठी को हल्का सा छूता है।
करण- “ए,,, अंगूठी,,,, इन की भाषा बता!”
और इस तरह जब राजा अपनी भाषा में कुछ बोलता है तो करण को समझ में आ जाता है। करण को अपने कानों में उस कबीले के राजा का अनुवाद सुनाई देता है।
करण (अपने साथियों से)- “दोस्तों, यह लोग बोल रहे हैं कि यह लोग हमें मारना चाहते हैं!”
लव- “मगर क्यों ?”
कबीले का राजा- “उहा.. हो… आ..रा या मा!!!
करण- “ये बोल रहें है कि हम इन्हे नुकसान पहुंचाना चाहते हैं इसलिए!”
राजा- “हा होई….ओरो ओप आ आ…(हंसते हुए) हा हा हा!”
करण- “ये कह रहें है कि ये हमें मार कर खा जायेंगे!”
यह सुन कर सभी बेहद डर जाते हैं।
तभी सभी लोग को आभास होता है कि वहां पर वधिराज नहीं है।
बुलबुल- “अरे दोस्तो, वधिराज कहाँ है!”
लव कुश- “वो तो कहीं भी नही दिखाई दे रहा, अब क्या करें!”
सुनहरी चिड़िया- “कहीं उस की जान खतरे मे तो नहीं है? ”
और तभी राजा अपने सैनिकों को आदेश देता है तो उस के सैनिक वधिराज को बांध कर वहां पर ले कर आते हैं।
राजा कुछ बोलता है।
सुनहरी चिड़िया- “करण ये क्या बोल रहे हैं? ”
करण- ” यह कह रहे हैं कि वधिराज एक दानव है और वे लोग इसे मार देंगे।”
कर्मजीत- “हमें वधिराज को बचाना होगा करण!”
चिड़िया- “वो देखो, उसे मारने की तैयारी हो रही है।”
बुलबुल- “कुछ करो कर्मजीत, करण, बचाओ उसे!”
तभी करण और कर्मजीत दोनों वधिराज को बचाने के लिए उस की तरफ़ भागते हैं, लेकिन कबीले वाले उन दोनों को पकड़ कर रोक लेते हैं।
बुलबुल (रोते हुए)- “छोड़ दो हमारे दोस्त को। जाने दीजिये! जाने दीजिए”
लव कुश- “मत मारो वधिराज को।”
सभी कबीले वाले अपने राजा के कहने पर वधिराज का गला काटने के लिए आगे बढ़ते हैं लेकिन तभी सुनहरी चिड़िया की नजर राजा के पैर पर जाती है।
सुनहरी चिड़िया- “करण!! राजा से कहो कि मै राजा के पैर पर लगी चोट को ठीक कर सकती हु!”
और करन अंगूठी की मदद से राजा को उस की बात बता देता है।
यह सुन कर राजा हैरान हो जाता है। और खुश भी!”
करण- “राजा ने हां कर दी हैं। वो भी अपनी चोट को सही करना चाहते हैं!”
औऱ तभी सुनहरी चिड़िया उड़ कर जंगल के पश्चिम की ओर चली जाती है और वहां से एक जड़ी बूटी ले कर आती है।
चिड़िया- “करण, इन से कहो,,, ये पीस कर लगा लें!”
करण- “ठीक है,, राजकुमारी जी!”
और वो राजा के सेनापति को वह जड़ी-बूटी दे देता है। और वहीं कबीले की सेना जड़ी बूटी को पीस कर अपने राजा के पैरों पर लगा देते हैं, जिस से राजा का दर्द ठीक हो जाता है और घाव भी।
राजा (प्रसन्न हो कर)- “हा हा हा हा,,,,,, झोपा…. होपा…. आरा रा आरा!”
और सभी कबीले वाले खुश हो जाते हैं। और ख़ुशी से झूम उठते है।
करण और उस के साथियों को छोड़ दिया जाता है। इतना ही नहीं बल्कि राजा के सेनापति उन सभी के सामने झुक कर उन्हें धन्यवाद भी देते हैं।
टॉबी- “येई—-!!!हम बच गए!”
बुलबुल- “हाँ टॉबी! राजकुमारी जी ने हमे बचा लिया।
लव कुश- “धन्यवाद राजकुमारी जी!”
तो अगले एपिसोड में हम देखेंगे करण और उसके दोस्तों का आगे का सफर।तब तक के लिए बने रहिये हमारे साथ।