जन्म-मरण का दुःख दूर हो – साखी श्री गुरु अंगद देव जी
एक बार डले गांव के रहने वाले सिक्ख भाई दीपा, नरायण दास व बुला गुरु जी के पास आए| उन्होंने गुरु जी के चरणों में प्रार्थना की कि हमारा जन्म-मरण का दुःख दूर हो जाए|
हमें आप ऐसा उपदेश देकर कृतार्थ करे| गुरु जी मुस्कुराए और कहने लगे कि आप ईश्वर की शक्ति किया करें और ईमानदारी की कमाई करके अपने जीवन का निर्वाह करें| गुरु जी का ऐसा उपदेश सुनकर वे गुरु घर की सेवा में जुट गए| इस तरह वे अपने जीवन को गुरु चरणों से जोड़ कर सफला कर गए|
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