सिआलकोट जाना – साखी श्री गुरु नानक देव जी
श्री गुरु नानक देव जी मरदाने को साथ लेकर जब सिआलकोट आए थे तो एक मूले ने “मरना सच्च व जीना झूठ बताया था| उसी मूले को गुरु जी साथ लेकर गए थे, परन्तु कुछ दिनों के पश्चात् वह रास्ते से ही लौट कर वापिस आ गया|
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गुरु जी सिआलकोट आकर उसके घर मिलने गए| उसकी पत्नी ने इस डर से पति को उपलों के कोष्ठ में छुपा लिया कि कहीं गुरु जी उसके पति को दुबारा साथ न ले जाएं| गुरु जी ने उसके घर के आगे खड़े होकर आवाज लगाई तो पत्नी ने कहा, सन्त जी! मूला नहीं है| जब तीन बार मुल्ले की पत्नी ने यही कहा तो गुरु जी ने मरदाने से कहा, आओ मरदाने अगर मूला नहीं है तो न सही|
यह वचन करके गुरु जी अपनी ठिकाने पर आकर बैठ गए| जल्द ही यह खबर फैल गई कि उपलों के कोष्ठ में जहां मूले को उसकी पत्नी ने छुपाया था, वहां उसे सांप ने डस लिया है और मूला मर गया है|
श्री गुरु नानक देव जी – जीवन परिचयश्री गुरु नानक देव जी – ज्योति ज्योत समाना
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