सज्जन ठग को तारना – साखी श्री गुरु नानक देव जी
श्री गुरु नानक देव जी माता-पिता व राए बुलार आदि को मिलकर कुछ दिनों पश्चात् बोले-मरदाने को साथ लेकर मुलतान की ओर चल दिए|
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रास्ते में ही आपको पता लगा कि तुलभा नगर (जिला मुलतान) में एक सज्जन नाम का ठग रहता है जो यात्रियों को लुट लेता है| रात के समय विश्राम और रोटी-पानी की सेवा के बहाने घर लेकर आता है| उसका यह बुरा कर्म सुनकर गुरु जी उसी रास्ते की ओर चल दिए|
उसे बुरे कार्यों से हटाने के लिए गुरु जी ने शब्द का भी उच्चारण किया| सज्जन ठग ने उस शब्द का भावार्थ समझा व गुरु जी के चरणों पर गिर पड़ा| उसने ठगने का कार्य त्याग दिया व गुरु जी का शिष्य बन गया| गुरु जी ने यहां सत्संग करने के लिए धर्मशाला बनवाने, ईमानदारी की कमाई करनी व सत्संग करने की प्रेरणा दी|
श्री गुरु नानक देव जी – जीवन परिचयश्री गुरु नानक देव जी – ज्योति ज्योत समाना
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