पीर बहावलदीन के साथ चर्चा – साखी श्री गुरु नानक देव जी
श्री गुरु नानक देव जी समुन्द्र के पश्चिमी तट के साथ-साथ मालाबार, गुजरात, बंबई आदि इलाकों में सत्यनाम का प्रचार करते हुए सिन्ध में उच्च पीरों के पास बहावलपुर आ गए|
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पीर बहावलदीन करामतों व ऋद्धियों-सिद्धियों में यकीन रखता था| गुरु जी ने उसे कहा – पीर जी! इन करामातों से लोगों को भ्रमित करके माया इकट्ठी करनी व पूजा मान्यता करवानी ठीक नहीं| यह माया तो मुर्दे के समान है|
मुर्दा खाना नीचों का काम है| आपको परमात्मा के नाम रूपी मोती से ही संतुष्ट रहना चाहिए| आप प्रभु की भक्ति करने वाले हंस हो| ऐसे सत्य पर आधारित वचन सुनकर वे गुरु जी के श्रद्धालु हो गए|
श्री गुरु नानक देव जी – जीवन परिचयश्री गुरु नानक देव जी – ज्योति ज्योत समाना
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