खेती करनी – साखी श्री गुरु नानक देव जी
ग्रीष्म ऋतु के समाप्त होते ही सावन-भादो आ गई| महिता कालू जी ने उचित समय को देखते हुए फसल बोने की सोची|
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यही उचित समय है जब फसल बोई जाए| यह सोचकर आपने नौकर के साथ बैलों की जोड़ी तैयार करके गुरु जी के साथ गेहूं बोने के लिए खेतों में भेज दिया|
गुरु जी ने खुले-खुले सिआड़ निकाल कर सारा बीज बखेर दिया| महिता कालू जी ने चार-पांच दिनों के पश्चात खेत में बड़ी हरियाली खड़ी देखी वे बहुत प्रसन्न हुए व गुरु जी की प्रशंसा करने लगे|
श्री गुरु नानक देव जी – जीवन परिचयश्री गुरु नानक देव जी – ज्योति ज्योत समाना
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