शनिवार व्रत (Shanivar Vrat)
इस दिन शनि की पूजा होती है|
यह व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को किया जाता है|
इस दिन गौ की पूजा करने का विधान है| साथ में भगवान लक्ष्मीनारायण जी की भी पूजा करनी चाहिए|
यह व्रत पोश माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया को किया जाता है|
यह चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है| इस दिन सौभाग्यवती स्त्रियाँ व्रत रखती हैं| कहावत है कि इस दिन पार्वती जी ने भगवान शंकर से सोभाग्यवती रहने का वरदान प्राप्त किया था, तथा पार्वती जी ने अन्य स्त्रियों को सौभाग्यवती रहने का वरदान दिया था|
सोमवार का व्रत साधारणतय दिन के तीसरे पहर तक होता है|
चैत्र नवरात्री मे अष्टमी का सर्वाधिक महत्व है| इसी दिन काली, महाकाली, भद्रकाली, दक्षिणकाली तथा बिजासन माता का पूजन किया जाता है| वास्तव मे इन्हे कुल की देवी माना जाता है|
यह व्रत भाद्रपद माह में किया जाता है| यदि किसी के पुत्र पैदा हुआ हो या पुत्र का विवाह हुआ हो तो उसी वर्ष भाद्रपद माह में किसी शुभ दिन को देखकर गाज का व्रत कर उजमन करना चाहिए|
यह व्रत कार्तिक लगते ही अष्टमी को किया जाता है| जिस वार की दीपावली होती है अहोई आठें भी उसी वार की पड़ती है| इस व्रत को वे स्त्रियाँ ही करती हैं जिनके सन्तान होती हैं|
श्रावण मास में जितने भी मंगलवार आएँ, उनमें रखे गये व्रत गौरी व्रत कहलाते हैं| यह व्रत मंगलवार को रखे जाने के करण मंगला गौरी व्रत कहलाते हैं| "मंगल गौरी का पूजन और व्रत" सुनने के लिए Play Button क्लिक करें | Audio Mangal Gori Ka