06. भीष्मपर्व Share 0 अध्याय 106 1 [स] अर्जुनस तु रणे राजन दृष्ट्वा भीष्मस्य विक्रमम शिखण्डिनम अथॊवाच समभ्येहि पितामहम Continue reading POST TAGS: भीष्मपर्वमहाभारत संस्कृत
15. आश्रमवासिकपर्व Share 0 अध्याय 30 1 [वै] आज्ञापयाम आस ततः सेनां भरतसत्तमः अर्जुन परमुखैर गुप्तां लॊकपालॊपमैर नरैः Continue reading POST TAGS: आश्रमवासिकपर्वमहाभारत संस्कृत
02. सभापर्व Share 0 अध्याय 36 1 [व] एवम उक्त्वा ततॊ भीष्मॊ विरराम महायशाः वयाजहारॊत्तरं तत्र सहदेवॊ ऽरथवद वचः Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतसभापर्व
10. सौप्तिकपर्व Share 0 अध्याय 14 1 [व] इङ्गितेनैव दाशार्हस तम अभिप्रायम आदितः दरौणेर बुद्ध्वा महाबाहुर अर्जुनं परत्यभाषत Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतसौप्तिकपर्व
12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 318 1 [नारद] सुखदुःखविपर्यासॊ यदा समुपपद्यते नैनं परज्ञा सुनीतं वा तरायते नापि पौरुषम Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतशांतिपर्व
04. विराटपर्व Share 0 अध्याय 38 1 [वै] तां शमीम उपसंगम्य पार्थॊ वैराटिम अब्रवीत सुकुमारं समाज्ञातं संग्रामे नातिकॊविदम Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतविराटपर्व
06. भीष्मपर्व Share 0 अध्याय 105 1 [धृ] कथं शिखण्डी गाङ्गेयम अभ्यधावत पितामहम पाञ्चाल्यः समरे करुद्धॊ धर्मात्मानं यतव्रतम Continue reading POST TAGS: भीष्मपर्वमहाभारत संस्कृत
15. आश्रमवासिकपर्व Share 0 अध्याय 31 1 [वै] ततस ते पाण्डवा दूराद अवतीर्य पदातयः अभिजग्मुर नरपतेर आश्रमं विनयानताः Continue reading POST TAGS: आश्रमवासिकपर्वमहाभारत संस्कृत
02. सभापर्व Share 0 अध्याय 37 1 [व] ततः सागरसंकाशं दृष्ट्वा नृपतिसागरम रॊषात परचलितं सर्वम इदम आह युधिष्ठिरः Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतसभापर्व
10. सौप्तिकपर्व Share 0 अध्याय 13 1 [व] एवम उक्त्वा युधां शरेष्ठः सर्वयादवनन्दनः सर्वायुधवरॊपेतम आरुरॊह महारथम युक्तं परमकाम्बॊजैस तुरगैर हेममालिभिः Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतसौप्तिकपर्व