01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 111 1 [व] तत्रापि तपसि शरेष्ठे वर्तमानः स वीर्यवान सिद्धचारणसंघानां बभूव परियदर्शनः Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 113 1 [व] एवम उक्तस तया राजा तां देवीं पुनर अब्रवीत धर्मविद धर्मसंयुक्तम इदं वचनम उत्तमम Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 62 1 [ज] तवत्तः शरुतम इदं बरह्मन देवदानवरक्षसाम अंशावतरणं सम्यग गन्धर्वाप्सरसां तथा Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 114 1 [व] संवत्सराहिते गर्भे गान्धार्या जनमेजय आह्वयाम आस वै कुन्ती गर्भार्थं धर्मम अच्युतम Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 115 1 [व] कुन्तीपुत्रेषु जातेषु धृतराष्ट्रात्मजेषु च मद्रराजसुता पाण्डुं रहॊ वचनम अब्रवीत Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 116 1 [वै] दर्शनीयांस ततः पुत्रान पाण्डुः पञ्च महावने तान पश्यन पर्वते रेमे सवबाहुबलपालितान Continue reading POST TAGS: आदिपर्व
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 63 1 [वै] स कदा चिन महाबाहुः परभूतबलवाहनः वनं जगाम गहनं हयनागशतैर वृतः Continue reading POST TAGS: आदिपर्व
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 117 1 [व] पाण्डॊर अवभृथं कृत्वा देवकल्पा महर्षयः ततॊ मन्त्रम अकुर्वन्त ते समेत्य तपस्विनः Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 118 1 [ध] पाण्डॊर विदुर सर्वाणि परेतकार्याणि कारय राजवद राजसिंहस्य माद्र्याश चैव विशेषतः Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 119 1 [व] ततः कषत्ता च राजा च भीष्मश च सह बन्धुभिः ददुः शराद्धं तदा पाण्डॊः सवधामृतमयं तदा Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत