जिमींदार द्वारा गुरु के वचनों की उलंघना करना – साखी श्री गुरु तेग बहादर जी
एक जिमींदार गुरु तेग बहादर जी की बड़ी श्रद्धा के साथ सेवा करता था| गुरु जी उसकी सेवा पर बहुत खुश थे| उसकी सेवा पर खुश होकर गुरु जी ने वह सारी भेंटा उसको दे दी जो संगत की तरफ से आई थी| गुरु जी ने साथ-साथ यह भी वचन किया कि इस धन से कूआँ लगवाओ और इसके साथ-साथ ही धर्मशाला भी बनवाओ|