घूँघट का पट खोल रे
घूँघट का पट खोल रे,
तोहे पिया मिलेंगे।
जय राम रमारमनं शमनं . भव ताप भयाकुल पाहि जनं ..
अवधेस सुरेस रमेस विभो . शरनागत मांगत पाहि प्रभो ..
पढ़ो पोथी में राम लिखो तख्ती पे राम ।
देखो खम्बे में राम हरे राम राम राम ॥
पाई न केहिं गति पतित पावन राम भजि सुनु सठ मना।
गनिका अजामिल ब्याध गीध गजादि खल तारे घना।।
सर्व शक्तिमते परमात्मने श्री रामाय नमः ..
बोलो राम बोलो राम बोलो राम राम राम .