HomePosts Tagged "शिक्षाप्रद कथाएँ" (Page 63)

हजरत उमर के जमाने की बात है| एक बार उनके शहर में आग लग गई| आग इतने जोरों की लगी थी कि उसने शहर का बहुत बड़ा हिस्सा जला डाला| पानी से भी वह नहीं बुझी|

कुछ बदमाश एक पेड़ पर टकटकी लगाए रहते थे, जिस पर ज़हरीले फल आते थे| आम जैसे उन फलों को खाकर जो व्यक्ति मर जाता था, उसका सामान ये बदमाश आपस में बाँट लेते थे|

अली के एक गांव में एक युवक रहता था जिसका नाम था अली| अली बढ़ई का कम करता था| गांव के सब लोग उसे बहुत प्यार करते थे| वह छोटा-सा था, तभी उसके माता-पिता की मृत्यु हो गई थी| इसलिए वह अकेला ही रहता था|

जीवन दर्शन. तैमूरलंग गुलामों को बेचने का सौदा करता था। उसने गुलाम अहमदी से अपनी स्वयं की कीमत पूछी। अहमदी ने तर्कपूर्ण जवाब दिया- दो अशर्फी। अहमदी की स्पष्टवादिता से बादशाह बेहद प्रभावित हुआ।

एक बार स्वर्ग अप्सरा मोहिनी ब्रम्हाजी पर अत्यन्त आसक्त हो गयी| वह एकान्त में उनके पास गयी और उनके अनुसार ही बैठकर उनसे प्रेमदान की प्रार्थना करने लगी| ब्रम्हाजी उस समय भगवान् की स्मृति हुई|

दार्शनिक कन्फ्यूशियस के एक शिष्य को ध्यान लगाने और मन पर संयम स्थापित करने में कठिनाई होती थी। तब उन्होंने समझाया कि अपने को पूरी तरह से आत्मा में डुबो दो, तभी तुममें संयम आएगा।

दर्शाण देश में एक राजा रहता था वज्रबाहु| वज्रबाहू की पत्नी सुमति अपने नवजात शिशु के साथ किसी असाध्य रोग से ग्रस्त हो गयी| यह देख दृष्टिबुद्धि राजा ने उसे वन में त्याग दिया| अनेक प्रकार के कष्ट भोगती हुई वह आगे बढ़ी|

एक दिन दस लड़के यात्रा पर रवाना हुए| उन्होंने तय कर लिया कि अमुक स्थान पर उन्हें पहुंचना है| सब अपने-अपने हिसाब से चलने लगे| कोई तेज चलता तो कोई धीरे| सब अलग-अलग हो गए|