12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 80 1 कव समुत्थाः कथं शीला ऋत्विजः सयुः पिता मह कथं विधाश च राजेन्द्र तद बरूहि वदतां वर Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतशांतिपर्व
12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 79 1 वयाख्याता कषत्रधर्मेण वृत्तिर आपत्सु भारत कथं चिद वैश्य धर्मेण जीवेद वा बराह्मणॊ न वा Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतशांतिपर्व
12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 78 1 केषां राजा परभवति वित्तस्य भरतर्षभ कया च वृत्त्या वर्तेत तन मे बरूहि पिता मह Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतशांतिपर्व
12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 77 1 सवकर्मण्य अपरे युक्तास तथैवान्ये वि कर्मणि तेषां विशेषम आचक्ष्व बराह्मणानां पिता मह Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतशांतिपर्व
12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 76 1 यया वृत्त्या महीपालॊ विवर्धयति मानवान पुण्यांश च लॊकाञ जयति तन मे बरूहि पिता मह Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतशांतिपर्व
12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 75 1 यॊगक्षेमॊ हि राष्ट्रस्य राजन्यायत्त उच्यते यॊगक्षेमश च राज्ञॊ ऽपि समायत्त पुरॊहिते Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतशांतिपर्व
12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 74 1 राज्ञा पुरॊहितः कार्यॊ भवेद विद्वान बहुश्रुतः उभौ समीक्ष्य धर्मार्थाव अप्रमेयाव अनन्तरम Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतशांतिपर्व
12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 73 1 य एव तु सतॊ रक्षेद असतश च निबर्हयेत स एव राज्ञा कर्तव्यॊ राजन राजपुरॊहितः Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतशांतिपर्व
12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 72 1 कथं राजा परजा रक्षन नाधिबन्धेन युज्यते धर्मे च नापराध्नॊति तन मे बरूहि पिता मह Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतशांतिपर्व
12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 71 1 केन वृत्तेन वृत्तज्ञ वर्तमानॊ महीपतिः सुखेनार्थान सुखॊदर्कान इह च परेत्य चाप्नुयात Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतशांतिपर्व