12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 100 1 अत्राप्य उदाहरन्तीमम इतिहासं पुरातनम परतर्दनॊ मैथिलश च संग्रामं यत्र चक्रतुः Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतशांतिपर्व
12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 99 1 के लॊका युध्यमानानां शूराणाम अनिवर्तिनाम भवन्ति निधनं पराप्य तन मे बरूहि पिता मह Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतशांतिपर्व
12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 98 1 कषत्रधर्मान न पापीयान धर्मॊ ऽसति भरतर्षभ अभियाने च युद्धे च राजा हन्ति महाजनम Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतशांतिपर्व
12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 97 1 नाधर्मेण महीं जेतुं लिप्सेत जगतीपतिः अधर्मविजयं लब्ध्वा कॊ ऽनुमन्येत भूमिपः Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतशांतिपर्व
12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 96 1 अथ यॊ विजिगीषेत कषत्रियः कषत्रियं युधि कस तस्य धर्म्यॊ विजय एतत पृष्टॊ बरवीहि मे Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतशांतिपर्व
12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 95 1 अयुद्धेनैव विजयं वर्धयेद वसुधाधिपः जघन्यम आहुर विजयं यॊ युद्धेन नराधिप Continue reading POST TAGS: शांतिपर्व
12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 94 1 यत्राधर्मं परणयते दुर बले बलवत तरः तां वृत्तिम उपजीवन्ति ये भवन्ति तद अन्वयाः Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतशांतिपर्व
12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 93 1 कथं धर्मे सथातुम इच्छन राजा वर्तेत धार्मिकः पृच्छामि तवा कुरुश्रेष्ठ तन मे बरूहि पिता मह Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतशांतिपर्व
12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 92 1 कालवर्षी च पर्जन्यॊ धर्मचारी च पार्थिवः संपद यदैषा भवति सा बिभर्ति सुखं परजाः Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतशांतिपर्व
12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 91 1 यान अङ्गिराः कषत्रधर्मान उतथ्यॊ बरह्म वित तमः मान्धात्रे यौवनाश्वाय परीतिमान अभ्यभाषत Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतशांतिपर्व