07. द्रोणपर्व Share 0 अध्याय 141 1 [स] भूरिस तु समरे राजञ शैनेयं रथिनां वरम आपतन्तम अपासेधत परपानाद इव कुञ्जरम Continue reading POST TAGS: द्रोणपर्वमहाभारत संस्कृत
03. आरण्यकपर्व Share 0 अध्याय 143 1 [वै] ते शूरास तत धन्वानस तूनवन्तः समार्गणाः बद्धगॊधाङ्गुलि तराणाः खद्गवन्तॊ ऽमितौजसः Continue reading POST TAGS: आरण्यकपर्वमहाभारत संस्कृत
05. उद्योगपर्व Share 0 अध्याय 42 1 [व] ततॊ राजा धृतराष्ट्रॊ मनीषी; संपूज्य वाक्यं विदुरेरितं तत सनत्सुजातं रहिते महात्मा; पप्रच्छ बुद्धिं परमां बुभूषन Continue reading POST TAGS: उद्योगपर्वमहाभारत संस्कृत
12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 150 1 [भ] अत्राप्य उदाहरन्तीमम इतिहासं पुरातनम संवादं भरतश्रेष्ठ शल्मलेः पवनस्य च Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतशांतिपर्व
13. अनुशासनपर्व Share 0 अध्याय 150 1 कार्यते यच च करियते सच चासच च कृतं ततः तत्राश्वसीत सत्कृत्वा असत्कृत्वा न विश्वसेत Continue reading POST TAGS: अनुशासनपर्वमहाभारत संस्कृत
07. द्रोणपर्व Share 0 अध्याय 140 1 [स] वर्तमाने तथा रौद्रे रात्रियुद्धे विशां पते सर्वभूतक्षयकरे धर्मपुत्रॊ युधिष्ठिरः Continue reading POST TAGS: द्रोणपर्वमहाभारत संस्कृत
03. आरण्यकपर्व Share 0 अध्याय 144 1 [वै] ततः परयातमात्रेषु पाण्डवेषु महात्मसु पद्भ्याम अनुचिता गन्तुं दरौपदी समुपाविशत Continue reading POST TAGS: आरण्यकपर्वमहाभारत संस्कृत
05. उद्योगपर्व Share 0 अध्याय 43 1 [धृ] ऋचॊ यजूंष्य अधीते यः सामवेदं च यॊ दविजः पापानि कुर्वन पापेन लिप्यते न स लिप्यते Continue reading POST TAGS: उद्योगपर्वमहाभारत संस्कृत
12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 149 1 [भ] शृणु पार्थ यथावृत्तम इतिहासं पुरातनम गृध्रजम्बुक संवादं यॊ वृत्तॊ वैदिशे पुरा Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतशांतिपर्व
13. अनुशासनपर्व Share 0 अध्याय 149 1 [य] नाभाग धेयः पराप्नॊति धनं सुबलवान अपि भागधेयान्वितस तव अर्थान कृशॊ बालश च विन्दति Continue reading POST TAGS: अनुशासनपर्वमहाभारत संस्कृत