अकबर के पांच प्रश्न (बादशाह अकबर और बीरबल)
बादशाह अकबर जितने अच्छे शासक थे उतने ही अच्छे इंसान भी| उनका विनोदप्रिय स्वभाव सभी को भाता था|
बादशाह अकबर जितने अच्छे शासक थे उतने ही अच्छे इंसान भी| उनका विनोदप्रिय स्वभाव सभी को भाता था|
बादशाह अकबर और बीरबल महल में यमुना नदी को निहार रहे थे| वर्षा के मौसम में नदी अपने पूरे उफान पर थी| इसी उफान के कारण बहाव से जो आवाज आ रही थी, उससे ऐसा लग रहा था मानो नदी रो रही है|
दिल्ली में देवीदास नामक एक व्यक्ति रहता था| उसे सभी लोग मनहूस कहते थे| उसके बारे में यह किंवदंती मशहूर थी कि जो प्रात: उसका मुंह देख लेता था उसे दिन भर भोजन भी नसीब नहीं होता था|
बादशाह अकबर अक्सर दरबार में पहेलियां भी बुझते रहते थे और अधिकतर मामलों में बीरबल ही उन पहेलियों को सुलझा पाता था|
अकबर-बीरबल की नोंक-झोंक में यह एक प्रसिद्ध कथा है और अब तो ‘बीरबल की खिचड़ी’ को मुहावरे के तौर पर भी प्रयोग किया जाता है, जिसका सीधा-सा-अर्थ यह है कि किसी आसान काम को बहुत मुश्किल बताना या फिर किसी छोटे से काम को करने में बहुत अधिक समय लगा देना|
सुबह का समय था| अकबर ने अपने सेवक से कहा – “जाओ जल्दी बुलाकर लाओ|”
अकबर ने अपने दरबारियों से सवाल किया – “बारह में चार निकल गए, क्या बचा?”
बादशाह अकबर ने बीरबल को आदेश दिया कि वह चार मूर्खों को एक सप्ताह में दरबार में हाजिर करे… और वह चारों एक से बढ़कर एक होने चाहिए|
अकबर ने बीरबल का मजाक बनाने के उद्देश्य से महल के बाहर बने एक हौज में 20 अंडे डलवा दिए और 20 ही दरबारियों को वहां खड़ा करके हुक्म दिया – “एक-एक कर कूदो और एक-एक अंडा निकाल लो|”
बादशाह अकबर अक्सर दरबार में ठिठोली हेतु कोई-न-कोई सवाल पूछ लिया करते थे| एक बार उन्होंने पूछा कि कौन-सा शस्त्र सर्वश्रेष्ठ होता है?