05. उद्योगपर्व Share 0 अध्याय 115 1 [ग] महावीर्यॊ महीपालः काशीनाम ईश्वरः परभुः दिवॊदास इति खयातॊ भैमसेनिर नराधिपः Continue reading POST TAGS: उद्योगपर्वमहाभारत संस्कृत
05. उद्योगपर्व Share 0 अध्याय 116 1 [न] तथैव सा शरियं तयक्त्वा कन्या भूत्वा यशस्विनी माधवी गालवं विप्रम अन्वयात सत्यसंगरा Continue reading POST TAGS: उद्योगपर्वमहाभारत संस्कृत
05. उद्योगपर्व Share 0 अध्याय 117 1 [न] गालवं वैनतेयॊ ऽथ परहसन्न इदम अब्रवीत दिष्ट्या कृतार्थं पश्यामि भवन्तम इह वै दविज Continue reading POST TAGS: उद्योगपर्वमहाभारत संस्कृत
05. उद्योगपर्व Share 0 अध्याय 118 1 [न] स तु राजा पुनस तस्याः कर्तुकामः सवयंवरम उपगम्याश्रमपदं गङ्गा यमुन संगमे Continue reading POST TAGS: उद्योगपर्वमहाभारत संस्कृत
05. उद्योगपर्व Share 0 अध्याय 119 1 [न] अथ परचलितः सथानाद आसनाच च परिच्युतः कम्पितेनैव मनसा धर्षितः शॊकवह्निना Continue reading POST TAGS: उद्योगपर्वमहाभारत संस्कृत
05. उद्योगपर्व Share 0 अध्याय 120 1 [न] परत्यभिज्ञात मात्रॊ ऽथ सद्भिस तैर नरपुंगवः ययातिर दिव्यसंस्थानॊ बभूव विगतज्वरः Continue reading POST TAGS: उद्योगपर्वमहाभारत संस्कृत
05. उद्योगपर्व Share 0 अध्याय 121 1 [न] सद्भिर आरॊपितः सवर्गं पार्थिवैर भूरिदक्षिणैः अभ्यनुज्ञाय दौहित्रान ययातिर दिवम आस्थितः Continue reading POST TAGS: उद्योगपर्वमहाभारत संस्कृत
05. उद्योगपर्व Share 0 अध्याय 122 1 [धृ] भगवन्न एवम एवैतद यथा वदसि नारद इच्छामि चाहम अप्य एवं न तव ईशॊ भगवन्न अहम Continue reading POST TAGS: उद्योगपर्वमहाभारत संस्कृत
05. उद्योगपर्व Share 0 अध्याय 124 1 [व] धृतराष्ट्रवचः शरुत्वा भीष्मद्रॊणौ समर्थ्य तौ दुर्यॊधनम इदं वाक्यम ऊचतुः शासनातिगम Continue reading POST TAGS: उद्योगपर्वमहाभारत संस्कृत
05. उद्योगपर्व Share 0 अध्याय 125 1 [व] शरुत्वा दुर्यॊधनॊ वाक्यम अप्रियं कुरुसंसदि परत्युवाच महाबाहुं वासुदेवं यशस्विनम Continue reading POST TAGS: उद्योगपर्वमहाभारत संस्कृत