01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 33 1 [स] मातुः सकाशात तं शापं शरुत्वा पन्नगसत्तमः वासुकिश चिन्तयाम आस शापॊ ऽयं न भवेत कथम Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 72 1 [व] समावृत्त वरतं तं तु विसृष्टं गुरुणा तदा परस्थितं तरिदशावासं देव यान्य अब्रवीद इदम Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 73 1 [व] कृतविद्ये कचे पराप्ते हृष्टरूपा दिवौकसः कचाद अधीत्य तां विद्यां कृतार्था भरतर्षभ Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 43 1 [स] वासुकिस तव अब्रवीद वाक्यं जरत्कारुम ऋषिं तदा सनामा तव कन्येयं सवसा मे तपसान्विता Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 59 1 [व] अथ नारायणेनेन्द्रश चकार सह संविदम अवतर्तुं महीं सवर्गाद अंशतः सहितः सुरैः Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 74 1 [षु] यः परेषां नरॊ नित्यम अतिवादांस तितिक्षति देव यानि विजानीहि तेन सर्वम इदं जितम Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 75 1 [व] ततः काव्यॊ भृगुश्रेष्ठः समन्युर उपगम्य ह वृषपर्वाणम आसीनम इत्य उवाचाविचारयन Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 76 1 [व] अथ दीर्घस्य कालस्य देव यानी नृपॊत्तम वनं तद एव निर्याता करीडार्थं वरवर्णिनी Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 77 1 [व] ययातिः सवपुरं पराप्य महेन्द्र पुरसंनिभम परविश्यान्तःपुरं तत्र देव यानीं नयवेशयत Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 78 1 [व] शरुत्वा कुमारं जातं तु देव यानी शुचिस्मिता चिन्तयाम आस दुःखार्ता शर्मिष्ठां परति भारत Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत