सत्य की जीत
किसी जमाने में एक राजा था| वह बड़ा नेक था| अपनी प्रजा की भलाई के लिए प्रयत्न करता रहता था| उसने अपने राज्य में घोषणा करा दी थी कि शाम तक बाजार में किसी की कोई चीज न बचे, अगर बचेगी तो वह स्वयं उसे खरीद लेगा, इसलिए शाम को जो भी चीज बच जाती, वह उसे खरीद लेता|