HomePosts Tagged "शिक्षाप्रद कथाएँ" (Page 73)

ईरान के सुल्तान एक बार किसी कारणवश ईरान के एक कबीले कबूदजामा के सरदार नसरुद्दीन से नाराज हो गए। उन्होंने अपने एक अन्य सरदार को हुक्म दिया कि जाओ और उसका सिर काटकर ले आओ। अपने एक संबंधी से नसरुद्दीन को यह समाचार मालूम हुआ।

मध्य प्रदेश के रायपुर जिले के आसपास का इलाका छत्तीसगढ़ कहलाता है| इस प्रदेश के कई दूसरे इलाकों की तरह भी काफी संख्या में जनजातियां रहती हैं|

एक बार एक राजा ने अपने मंत्री से कहा, ‘मुझे इन चार प्रश्नों के जवाब दो। जो यहां हो वहां नहीं, दूसरा- वहां हो यहां नहीं, तीसरा- जो यहां भी नहीं हो और वहां भी न हो, चौथा- जो यहां भी हो और वहां भी।’

त्याग-तपस्या का हमारे देश में सदा आदर-सम्मान रहा है| साथ ही त्यागी-तपस्वी भी ऐसे रहे हैं जो घोर दरिद्रता में रहे, परंतु कभी किसी के सामने उन्होंने हाथ नहीं पसारा|

एक रोज सुबह-सुबह राजा वीरभद्र आखेट के लिए निकला| महल लौटने को हुआ तो बहुत ही थका, भूखा और प्यासा हो चूका था| तभी, सड़क के किनारे उसने तरबूजों का खेत देखा| एक प्यासे को इससे बढ़कर और क्या चाहिए?

जीवन दर्शन एक वर्ष भीषण बारिश हुई। मध्यप्रदेश की एक नदी में बाढ़ आ गई। वहां के सारे गांव और बस्ती खाली हो गए, लेकिन एक स्थान ऐसा था जहां कुछ लोग बाढ़ से तो बच गए, किंतु पानी से घिर गए। उनके चारों ओर पानी ही पानी था। खाने-पीने का कोई सामान नहीं और सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं थी।

एक राजा था| उसे हर घड़ी इस बात का डर लगा रहता था कि कहीं कोई दूसरा राजा उसके राज्य पर हमला करके उसे मार न डाले| वह सुरक्षा का उपाय सोचता, लेकिन उसकी समझ में कुछ भी न आता|