कमाल का दिन
खजूरी इतनी बातूनी थी कि जहां कहीं उसे कोई बात करने वाले मिल जाए, वह उसे ढेर सारी बातें सुनाए बिना नहीं छोड़ती थी | गांव में उसकी ढेरों सहेलियां थीं | उसका जब कभी बातें करने का मन करता तो कभी किसी के घर चली जाती, तो कभी किसी के घर |
खजूरी इतनी बातूनी थी कि जहां कहीं उसे कोई बात करने वाले मिल जाए, वह उसे ढेर सारी बातें सुनाए बिना नहीं छोड़ती थी | गांव में उसकी ढेरों सहेलियां थीं | उसका जब कभी बातें करने का मन करता तो कभी किसी के घर चली जाती, तो कभी किसी के घर |
एक बालक नित्य विद्यालय पढ़ने जाता था। घर में उसकी माता थी। मां अपने बेटे पर प्राण न्योछावर किए रहती थी, उसकी हर मांग पूरी करने में आनन्द का अनुभव करती।
अनातो एक सीधा-सादा, भोला-भाला किसान था | वह अपनी पैतृक जमीन पर खेती करने में सारा दिन बिता देता था, शाम को घर आकर भोजन खाकर से जाता था |
एक गांव में हैदर नाम का एक व्यापारी रहता था | गांव में उसकी परचून की दुकान थी | दुकान खूब अच्छी चलती थी क्योंकि परचून की गांव में वह एकमात्र दुकान थी |
गांव में किसान के बेटे की शादी का मौका था | घर में खूब रौनक हो रही थी | स्त्रियां घर में खुशी के गीत गा रही थीं | बाहर चबूतरे पर घर के तथा गांव के अनेक लोग जमा थे |
अयोध्या का परित्याग करने के बाद राजा हरिश्चंद्र विचार करने लगे कि कहां जाएं, क्योंकि सारा राज्य तो उन्होंने दान में दिया है| तभी उन्हें काशी नगरी का स्मरण हो आया| उन्होंने सोचा कि ‘काशी नगरी तो भगवान शंकर की राजधानी है|
एक बार दो राज्यों के बीच युद्ध की तैयारियां चल रही थीं। दोनों के शासक एक प्रसिद्ध संत के भक्त थे। वे अपनी-अपनी विजय का आशीर्वाद मांगने के लिए अलग-अलग समय पर उनके पास पहुंचे। पहले शासक को आशीर्वाद देते हुए संत बोले, ‘तुम्हारी विजय निश्चित है।’
यह घटना मुगलकाल की है| अकबर ने एक बार अपने राजदरबार में सवाल किया कि इस दुनिया में भेड़-बकरियों, घोड़े-गधों के समूह तो दिखाई देते हैं, लेकिन कुत्तों का समूह नहीं दिखाई देता?
गोटिया बहुत ही नटखट लड़का था | उसका दिमाग हरदम शैतानियों में ही लगा रहता था | सब लोग गोटिया की शरारतों से तंग आ चुके थे | गोटिया के मामा चाहते थे कि वह उनके कामों में हाथ बंटाए, परंतु गोटिया का न तो काम में मन लगता था, न ही वह कोई काम तसल्ली से करता था |
एक बार एक किसान किसी काम से शहर गया | जैसे ही शाम होने लगी, उसे लगा कि उसे तुरंत गांव लौट जाना चाहिए | अगर देर हो गई तो अंधेरे में घर पहुंचना मुश्किल हो जाएगा | वह अपना काम अधूरा छोड़कर गांव की ओर चल दिया |