01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 155 1 [बराह्मण] अमर्षी दरुपदॊ राजा कर्मसिद्धान दविजर्षभान अन्विच्छन परिचक्राम बराह्मणावसथान बहून Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
05. उद्योगपर्व Share 0 अध्याय 138 1 [धृ] राजपुत्रैः परिवृतस तथामात्यैश च संजय उपारॊप्य रथे कर्णं निर्यातॊ मधुसूदनः Continue reading POST TAGS: उद्योगपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 40 1 [स] तं तथा मन्त्रिणॊ दृष्ट्वा भॊगेन परिवेष्टितम विवर्णवदनाः सर्वे रुरुदुर भृशदुःखिताः Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 45 1 [ष] यद अपृच्छत तदा राजा मन्त्रिणॊ जनमेजयः पितुः सवर्गगतिं तन मे विस्तरेण पुनर वद Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
07. द्रोणपर्व Share 0 अध्याय 89 1 [धृ] एवं बहुविधं सैन्यम एवं परविचितं वरम वयूढम एवं यथान्यायम एवं बहु च संजय Continue reading POST TAGS: द्रोणपर्वमहाभारत संस्कृत
13. अनुशासनपर्व Share 0 अध्याय 58 1 [य] यानीमानि बहिर वेद्यां दानानि परिचक्षते तेभ्यॊ विशिष्टं किं दानं मतं ते कुरुपुंगव Continue reading POST TAGS: अनुशासनपर्वमहाभारत संस्कृत
03. आरण्यकपर्व Share 0 अध्याय 240 1 [दानवाह] भॊः सुयॊधन राजेन्द्र भरतानां कुलॊद्वह शूरैः परिवृतॊ नित्यं तथैव च महात्मभिः Continue reading POST TAGS: आरण्यकपर्वमहाभारत संस्कृत
12. शांतिपर्व Share 0 अध्याय 58 1 [भीस्म] एतत ते राजधर्माणां नव नीतं युधिष्ठिर बृहस्पतिर हि भगवान नान्यं धर्मं परशंसति Continue reading POST TAGS: महाभारत संस्कृतशांतिपर्व
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 157 1 [वै] वसत्सु तेषु परच्छन्नं पाण्डवेषु महात्मसु आजगामाथ तान दरष्टुं वयासः सत्यवती सुतः Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
05. उद्योगपर्व Share 0 अध्याय 139 1 [कर्ण] असंशयं सौहृदान मे परणयाच चात्थ केशव सख्येन चैव वार्ष्णेय शरेयस्कामतया एव च Continue reading POST TAGS: उद्योगपर्वमहाभारत संस्कृत