07. द्रोणपर्व Share 0 अध्याय 93 1 [स] काल्यमानेषु सैन्येषु शैनेयेन ततस ततः भारद्वाजः शरव्रातैर महद्भिः समवाकिरत Continue reading POST TAGS: द्रोणपर्वमहाभारत संस्कृत
07. द्रोणपर्व Share 0 अध्याय 92 1 [स] ते किरन्तः शरव्रातान सर्वे यत्ताः परहारिणः तवरमाणा महाराज युयुधानम अयॊधयन Continue reading POST TAGS: द्रोणपर्वमहाभारत संस्कृत
07. द्रोणपर्व Share 0 अध्याय 91 1 [स] शृणुष्वैक मना राजन यन मां तवं परिपृच्छसि दराव्यमाणे बले तस्मिन हार्दिक्येन महात्मना Continue reading POST TAGS: द्रोणपर्वमहाभारत संस्कृत
07. द्रोणपर्व Share 0 अध्याय 90 1 [स] आत्मापराधात संभूतं वयसनं भरतर्षभ पराप्य पराकृतवद वीर न तवं शॊचितुम अर्हसि Continue reading POST TAGS: द्रोणपर्वमहाभारत संस्कृत
07. द्रोणपर्व Share 0 अध्याय 89 1 [धृ] एवं बहुविधं सैन्यम एवं परविचितं वरम वयूढम एवं यथान्यायम एवं बहु च संजय Continue reading POST TAGS: द्रोणपर्वमहाभारत संस्कृत
07. द्रोणपर्व Share 0 अध्याय 88 1 [स] परयाते तव सैन्यं तु युयुधाने युयुत्सया धर्मराजॊ महाराज सवेनानीकेन संवृतः परायाद दरॊण रथप्रेप्सुर युयुधानस्य पृष्ठतः Continue reading POST TAGS: द्रोणपर्वमहाभारत संस्कृत
07. द्रोणपर्व Share 0 अध्याय 87 1 [स] धर्मराजस्य तद वाक्यं निशम्य शिनिपुंगवः पार्थाच च भयम आशङ्कन परित्यागान महीपतेः Continue reading POST TAGS: द्रोणपर्वमहाभारत संस्कृत
07. द्रोणपर्व Share 0 अध्याय 86 1 [स] परीतियुक्तं च हृद्यं च मधुराक्षरम एव च कालयुक्तं च चित्रं च सवतया चाभिभाषितम Continue reading POST TAGS: द्रोणपर्वमहाभारत संस्कृत
07. द्रोणपर्व Share 0 अध्याय 85 1 [धृ] भारद्वाजं कथें युद्धे युयुधानॊ ऽभयवारयत संजयाचक्ष्व तत्त्वेन परं कौतूहलं हि मे Continue reading POST TAGS: द्रोणपर्वमहाभारत संस्कृत
07. द्रोणपर्व Share 0 अध्याय 84 1 [स] अलम्बुसं तथा युद्धे विचरन्तम अभीतवत हैडिम्बः परययौ तूर्णं विव्याध च शितैः शरैः Continue reading POST TAGS: द्रोणपर्वमहाभारत संस्कृत