01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 9 1 [सूत] तेषु तत्रॊपविष्टेषु बराह्मणेषु समन्ततः रुरुश चुक्रॊश गहनं वनं गत्वा सुदुःखितः Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 10 1 [र] मम पराणसमा भार्या दष्टासीद भुजगेन ह तत्र मे समयॊ घॊर आत्मनॊरग वै कृतः Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 11 1 [दु] सखा बभूव मे पूर्वं खगमॊ नाम वै दविजः भृशं संशितवाक तात तपॊबलसमन्वितः Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 12 1 [रु] कथं हिंसितवान सर्पान कषत्रियॊ जनमेजयः सर्पा वा हिंसितास तात किमर्थं दविजसत्तम Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 13 1 किमर्थं राजशार्दूल स राजा जनमेजयः सर्पसत्रेण सर्पाणां गतॊ ऽनतं तद वदस्व मे Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 14 1 [षौनक] सौते कथय ताम एतां विस्तरेण कथां पुनः आस्तीकस्य कवेः साधॊः शुश्रूषा परमा हि नः Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 15 1 [स] एतस्मिन्न एव काले तु भगिन्यौ ते तपॊधन अपश्यतां समायान्तम उच्चैःश्रवसम अन्तिकात Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 16 1 [स] ततॊ ऽभरशिखराकारैर गिरिशृङ्गैर अलंकृतम मन्दरं पर्वत वरं लता जालसमावृतम Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 17 1 [स] अथावरण मुख्यानि नानाप्रहरणानि च परगृह्याभ्यद्रवन देवान सहिता दैत्यदानवाः Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत
01. आदिपर्व Share 0 अध्याय 18 1 [सू] एतत ते सर्वम आख्यातम अमृतं मथितं यथा यत्र सॊ ऽशवः समुत्पन्नः शरीमान अतुलविक्रमः Continue reading POST TAGS: आदिपर्वमहाभारत संस्कृत