श्रावण मास माहात्म्य – सुख-शांति व समृद्धि हेतु
सामग्रीः पारद शिवलिंग, रुद्राक्ष, पारद मुद्रिका एवं रुद्राक्ष माला|
यह प्रयोग श्रावण के किसी भी सोमवार को प्रारंभ किया जा सकता है| यह सौभाग्य, बल, बुद्धि व मेधा, वृद्धि के लिए किया जाता है| इससे घर में आय के नवीन स्त्रोत बढ़ते हैं| परिवार में शांति का वातावारण बनता है|
नित्य क्रिया से निवृत होकर पूर्व/उत्तर की ओर मुख कर पवित्र आसन पर बैठें| पूजन सामग्री में बिल्व पत्र, पुष्प, गुलाब जल, इत्र, यज्ञोपवीत, मिष्ठान, दूध, घी, शहद, शक्कर, फल, दीपक, पहले से ही अपने पास रख लें|
फिर आप शांतचित होकर पूजा स्थान पर बैठें| अब एक पात्र में शिवलिंग, रुद्राक्ष व पारद मुद्रिका स्थापित करें| फिर दही, दूध, शक्कर व घी और गुलाब जल मिश्रित कर ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए इस पंचामृत को शिवलिंग पर अर्पित करें| तदन्तर साफ पानी से धोकर एक-एक विग्रह को अपने सामने बाजोट पर पुष्प अक आसन देकर विराजमान करें| इन तीनों परकेशर व अक्षत चढ़ाकर पुष्प चढ़ाएं, इत्र चढ़ाएं व शिवलिंग व यज्ञोपवीत चढ़ाएं| बिल्व पत्र समर्पित करें, फल चढ़ाएं सम्पूर्ण पूजा विधि करने तक ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप अनवरत करते रहें|
अब धूप-दीप दिखाएं| दीपक प्रज्वलित कर अपनी मनोकामना सिद्धि की प्रार्थना करते हुए रुद्राक्ष की माला में निम्न वरदायी मंत्र का जाप 11 माला जप करें|
मंत्र – ॐ रुद्राक्ष पशुपति नमः ||
मंत्र जाप के पश्चात शिव जी की आरती सम्पन्न करें व कुछ पुष्प लेकर भगवान शिव के चरणों में चढ़ाएं व दोनों हाथ जोड़कर भगवान शिव से मन ही मन प्रार्थना करें कि वे सभी पर अपनी कृपा दृष्टि करें|
अब शिवलिंग को पूजा स्थान में ही रहने दें| रुद्राक्ष को घर का कोई भी पुरुष पूर्ण सफलता एवं विजय के लिए धारण कर ले| मुद्रिका को स्त्री धारण कर ले जिससे अखंड सौभाग्य, लक्ष्मी, शांति घर में बनी रहे| निश्चय ही आने वाले दिनों में घर में परिवर्तन महसूस होगा|