Homeपरमार्थी साखियाँधृतराष्ट्र का अन्धा होना

धृतराष्ट्र का अन्धा होना

एक बार धृतराष्ट्र ने भगवान् कृष्ण से पूछा कि मैं अन्धा क्यों हूँ| मुझे पिछले सौ जन्मों की तो ख़बर है| इन सौ जन्मों में मैंने ऐसा कर्म नहीं किया जिसके कारण मैं जन्म से अन्धा हूँ| श्री कृष्ण ने धृतराष्ट्र के सिर पर हाथ रखकर कहा कि और पीछे देखो| जब देखा तो एक सौ छः जन्म पहले का एक ऐसा कर्म निकला जिसके कारण वह अन्धा हुआ|

सो कर्मों का जाल बड़ा पेचीदा है|

जीव अपने सब सुख-दुःख प्रारब्ध कर्मों के अनुसार पाता है
और मनुष्य जैसे भले-बुरे कर्म करता है, उनके अनुसार वैसे ही
ऊँच-नीच योनियाँ भोगता है| (महाराज सावन सिंह)

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