रक्षा के लिए मन्त्र व विधि
रक्षा के लिए मन्त्र व विधि इस प्रकार है|
राम कुण्डली ब्रह्मचक|
तेतिस कोटि देवा देवी|
अमुक की बेड़िया|
अमुकेर अंकेर बाण काटम्|
शर काटम्|
संधान काटम्|
कृज्ञान काटम्|
कारवणे काटे|
राजा रामचन्द्रेर बाणे काटे|
कार आज्ञा|
राजा रामचन्द्रेर आज्ञे|
ऐई झण्ड़ी अमुकेर अंगे शीघ्र लागूगे|
रक्षा के लिए मन्त्र की विधि इस प्रकार है|
इस मन्त्र का उच्चारण करके अपने चारों ओर रेखा खींच लें तो समस्त प्रकार से रक्षा होती है|