दीयों व मोमबत्तियों के साथ दीपावली
दीवाली का त्यौहार रौशनी व् चकाचौंध से सम्बंधित है तभी तो इसे रौशनी का पर्व कहा जाता है। दीवाली वाले दिन सभी लोग अपने घरो दुकानों व् ऑफिस को दीयो व् मोमबत्तियों से सजाते है। एक दूजे से उपहारों का आदान प्रदान करना एक रस्म बन चूका है। यह वह समय है जब लोग अपने प्रियजनों से मिलते है, उपहारों का आदान प्रदान करते है, जिसको प्यार के रूप में लिया जाता है। इस सारे त्यौहार में दीये व् मोमबत्तियों को सबसे ज्यादा उपहार में दिया जाता है।
दीये, मोमबत्तियां व् लैंप कई तरह के आकार रंग व् रूप में पाए जाते है। सारा बाजार भिन्न भिन्न तरह के दीयो से भरा हुआ है। हाथ से बने मिटटी के दीये कई तरह के आकार व् डिजाईन में मिलते है जिनपे हाथो से रंग व् कलाकारी की होती है इनको तरह तरह की मोतियों शीशों से सजाया जाता है। इनके अलावा मेटल के दीये भी आजकल चल रहे है जो की ताँबे, ब्रास, चांदी व् सोने के बनाये जाते है जिनको बहुत ही ख़ूबसूरती से नक्काशा जाता है। बाज़ारों, दिवाली मेलों व् हाटों में देश भर से कारीगरों द्वारा हाथ से बने सुन्दर दीयों की नुमाइश लगती है। यह पुरे त्यौहार में आकर्षण का केंद्र बनते है।
इनके अलावा मोमबत्तियों को भी उपहार के रूप में दिया जाता है। आजकल बाजार में तरह तरह के आकार रंग व् खुशबू की मोमबत्ती मौजूद है। कैंडल होल्डर भी इसके साथ ही लोकप्रिय हो चुके है जो एक शाही अनुभव लाती है। आजकल टी-लाइट कैंडल, फ्लोटिंग कैंडल, फ्रेग्नेंट कैंडल, बहुरंगी कैंडल्स मौजूद है।
दीये व् कैंडल्स दिवाली उपहार के लिए सर्वोत्तम चुनाव है। यह त्यौहार इन दोनों के बिना अधूरा है। घरों को सजाने के अलावा, घर के प्रवेश द्धार को रोशन करने के अलावा यह शाम की लक्ष्मी पूजा के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। दिवाली के उपलक्ष्य में उपहार देना सबसे महत्वपूर्ण कार्य बन गया है। दीयों व् कैंडल्स को देना प्यार, सत्कार व् सदभावना का प्रतीक बन चूका है।
Ms. Ginny Chhabra (Article Writer)