दूब के 7 स्वास्थ्य लाभ – 7 Health Benefits of Scutch Grass
दूब या दुर्वा एक घास है जो जमीन पर पसरती है। आयुर्वेद के अनुसार दूब का स्वाद कसैला-मीठा होता है। विभिन्न प्रकार के पित्त एवं कब्ज विकारों को दूर करने के लिए दूब का प्रयोग किया जाता है। इसके आध्यात्मिक महत्वानुसार प्रत्येक पूजा में दूब को अनिवार्य रूप से प्रयोग में लाया जाता है
दूब के 7 औषधीय गुण इस प्रकार हैं:
1. शरीर की गर्मी
सुबह, शाम नंगे पांव दूब पर चलने से शरीर की गर्मी कम होती है|
ताजी दूब महीन पीसकर दो चपटी गोलियां बनाइए और आंखों की पलकों पर रखिए, आंखों की जलन, दर्द नहीं रहेगा|
2. रक्तस्त्राव
चोट या कट जाने से रक्तस्त्राव हो तो दूब को कूट कर उसका रस कपड़े में भिगोकर पट्टी बांधने से रक्तस्त्राव बन्द हो जाता है|
3. नेत्र ज्योति
प्रात: नंगे पांव हरी दूब पर जलने से नेत्र ज्योति बढ़ती है|
4. खुजली
तिल के तेल में दूब का रस मिलाकर मालिश करने से खुजली ठीक हो जाती है| एक पाव तिल के तेल में 60 ग्राम दूब का रस डालकर आग पर पका कर ठंडा होने पर छानकर यदि एक सप्ताह मालिश की जाए तो शरीर का कोई भी चर्म रोग हो, इससे ठीक हो सकता है| आधा तोला दूब का रस पीने से और शरीर पर लगाने से दाद, खुजली जैसे त्वचा रोगों में लाभ होता है| इसकी मात्रा उम्र के अनुसार कम-अधिक की जा सकती है| नियमपूर्वक दूब का रस पीने से बार-बार होने वाली पेशाब की तकलीफ दूर हो जाती है|
5. पथरी
दूब को जड़ सहित उखाड़कर इसकी पत्तियां तोड़कर अलग कर लें और फिर इसके डंठल और जड़ों को पानी से धोकर साफ कर लें तथा पीस कर ठंडाई की तरह छान लें| इसमें स्वाद के अनुसार मिश्री मिलाकर छान लें और एक गिलास भरकर पी जाएं| इस प्रकार नित्य दो बार पीते रहें| इससे पथरी गल जाती है, पेशाब खुलकर आता है| एक बार में दूब के आधा किलो डंठल और जड़ पीसें|
6. नकसीर
नाक से रक्तस्त्राव होने पर पहले दूब का रस सूंघें, फिर नाक में कुछ बूंदें डालें| इससे लाभ होता है| दूब के रस में खांड (Sugar) मिलाकर पीने से नकसीर में लाभ होता है|
7. फोड़ा
फोड़े पर रोज दूब पीसकर लेप करने से फोड़ा फूट जाता है|
NOTE: इलाज के किसी भी तरीके से पहले, पाठक को अपने चिकित्सक या अन्य स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता की सलाह लेनी चाहिए।
Consult Dr. Veerendra Aryavrat +91-9254092245
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