गुड़ के 13 स्वास्थ्य लाभ – 13 Health Benefits of Jaggery
यह सर्व गुण संपन्न है| पुराना गुड़ पाचक होता है| स्वास्थ्यवर्धक है; भूख को खोलने वाला है| वायु नाशक, पित्त, वीर्यवर्धक एवं रक्त शोधक है| सोंठ के साथ गुड़ वायु-संबधी समग्र विकारों को अतिशीघ्र दूर करता है| हृदय की दुर्बलता के लिए यह एक रामबाण औषधि है|
गुड़ के 13 औषधीय गुण इस प्रकार हैं:
1. दुर्बलता
हृदय की दुर्बलता, शारीरिक शिथिलता में गुड़ खाने से लाभ होता है|
2. दमा, खांसी
15 ग्राम गुड़ और 15 ग्राम सरसों का तेल मिलाकर चाटने से लाभ होता है|
3. सर्दी
सर्द ऋतु में गुड़ और काले तिल के लड्डू खाने से जुकाम, खांसी, दमा, ब्रांकाइटिस आदि रोग दूर होते हैं| ये रोग नहीं होने पर भी, तिल-गुड़ के लड्डू खाने से ये रोग नहीं पनपते|
4. खांसी, जुकाम
खांसी, जुकाम होने पर 10 ग्राम गुड़ में एक चम्मच पिसी हुई सौंठ, एक चम्मच काली मिर्च मिलाकर दिन में चार बार इसके चार हिस्से करके खाएं, लाभ होगा|
5. पेशाब की रुकावट
गर्म दूध में गुड़ मिलाकर पीने से पेशाब साफ और खुल कर आता है| रुकावट दूर होती है| यह नित्य दो बार पिएं|
6. हिचकी
पुराना सूखा गुड़ पीसकर, इसमें पिसी हुई सौंठ मिलाकर सूंघने से हिचकी आना बंद हो जाती है|
7. कृमि
कृमि नाशक ओषधि लेने की अपेक्षा रोगी को गुड़ खिलाएं| इससे आंतों में चिपके कृमि निकल कर गुड़ खाने लगेंगे| फिर कृमि नाशक औषधि लेने से सरलता से बाहर आ जाएंगे|
8. कांच आदि लगना
कांच, काँटा, पत्थर शरीर में चुभ जाए बाहर न निकले तो गुड़ और अजवाइन गर्म करके बांधने से बाहर निकल जाता है|
9. पुत्र की प्राप्ति
(पुत्रोत्पत्ति) जिनके बार-बार कन्या पैदा होती हैं, यदि वे पुत्र उत्पन्न करना चाहते हैं तो एक मोर पंख का चंद्रमा की शक्ल वाला भाग काट कर पीसकर जरा से गुड़ में मिलाकर एक गोली बना लें| इसी प्रकार तीन पंखों की तीन गोलियां बना लें| गर्भ के दुसरे महीने के अंत में, जब स्त्री का दाहिना स्वर चल रहा हो, अर्थात् दाहिने नथुने से सांस आ रहा हो, नित्य प्रात: एक गोली तीन दिन तक जीवित बछड़े वाली गाय के दूध के साथ खिला दें| उस दिन केवल गो-दूध पर ही रहें| खाना ना खाएं| शाम को चावल खा सकते हैं| अवश्य ही पुत्र उत्पन्न होगा|
मोरपंख का चंदोवा लेकर उसके चारों ओर के किनारे के सारे बाल काट दें, केवल चंदोवा रखें, फिर उसे बारीक पीसकर पुराने गुड़ में मिलाकर गोली बना लें| इस प्रकार तीन चंदवे की तीन गोली बना लें| चाहें तो ऊपरी चांद की वर्क लगा लें; फिर गर्भ के पौने दो महीने से सवा दो महीने के भीतर रविवार या मंगलवार को बछड़े (नर) वाली काली गाय के दूध के साथ एक गोली नित्य तीन दिन लें| उस दिन केवल दूध ही पिएं और कुछ न खाएं| इससे पुत्र की उत्पन्न होगा|
जिन स्त्रियों के कन्यायें ही अधिक होती हैं, लड़का नहीं होता, जब तक गर्भ धारण नहीं हो तब तक वे दाहिनी करवट सो कर रतिक्रिया करें|
जिस स्त्री के कन्या ही कन्या जन्म लेती हों, उसे मासिक धर्म में धाक का एक पत्ता दूध में पीसकर पिला दें| ऐसा करने के बाद जो सन्तान होगी, वह पुत्र ही होगा|
10. उर-क्षत
शारीरिक परिश्रम करने वाले मजदूर गुड़ खाकर अपने शरीर की टूट-फूट को ठीक कर लेते हैं, थकावट मिटा लेते हैं| अधिक व्यायाम, हॉकी आदि खेलने से छाती के अन्दर का मांस फट गया हो, जिसे उर-क्षत कहते हैं, यह दिन में तीन बार गुड़ खाने से ठीक हो जाता है|
11. रक्त विकार
रक्तविकार वाले व्यक्ति को चीनी के स्थान पर गुड़ की चाय, दूध, लस्सी किसी भी पेय में गुड़ देना लाभदायक है|
12. उदारवायु
(Flatulence) खाने के बाद 25 ग्राम गुड़ नित्य खाने से उदर-वाय, उदर-विकार ठीक होते हैं, शरीर में यौवन बना रहता है|
13. सिर-दर्द
आधे सिर में दर्द जो सूर्य के साथ घटे-बड़े तो 12 ग्राम गुड़ 6 ग्राम घी के साथ प्रात: सूर्योदय से पहले तथा रात को सोते समय खाएं|
NOTE: इलाज के किसी भी तरीके से पहले, पाठक को अपने चिकित्सक या अन्य स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता की सलाह लेनी चाहिए।
Consult Dr. Veerendra Aryavrat +91-9254092245
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