सरसों तेल के 16 स्वास्थ्य लाभ – 16 Health Benefits of Mustard Oil
इसकी प्रकृति गर्म है, संभवतया इसी कारण यह शरीर में पित्त को बढ़ाता है| यह रक्त के बहाव में भी तेजी लाता है| यह पेट के कीड़े नष्ट करने में समक्ष है| इसके साथ ही यह निम्न रोगों में भी अत्यन्त लाभकारी है|
सरसों तेल के 16 औषधीय गुण इस प्रकार हैं:
1. गैस/वायु
पेट पर नाभि के चारों ओर मालिश करने से लाभ होता है|
2. दर्द
50 ग्राम सरसों के तेल में पांच ग्राम कपूर मिलाकर मालिश करने से शरीर का दर्द ठीक हो जाता है|
3. सूजन
सर्दियों में उंगलियों में सूजन आ जाती है| सरसों के तेल में सैंधा नमक मिलाकर गर्म करें तथा रात को इस तेल को उंगलियों पर लगाकर मौजे पहन कर सोयें, सूजन मिट जाएगी|
4. नासूर
आक के दूध में रुई की बत्ती भिगोकर सुखा लें फिर सरसों के तेल में जला कर मिट्टी के बर्तन में काजल बनाकर नासूर पर लगाएं|
5. सिरदर्द
ठंड से सिर-दर्द हो, ठंडे पानी से स्नान करने, ठंडी हवा में घूमने के कारण सिर-दर्द हो तो नाक, कान नाभि और तलवों पर सरसों का तेल लगाएं, लाभ होगा|
6. आधी सीसी का दर्द
(आधे सिर का दर्द) सिर के जिस आधे भाग में दर्द हो उस नथुने में 8 बूंद सरसों का तेल डालकर सूंघने से आधे सिर का दर्द बन्द हो जाता है| यह प्रयोग चार-पांच दिन करें|
7. पैर फटना
सर्दियों में पैर फट जाएं, तो सोते समय सरसों का तेल लगाकर, पिसी हुई हल्दी ऊपर डालकर सो जाएं| कुछ दिन करने से फटे हुए पैर ठीक हो जाते हैं|
8. जमजूं
20 ग्राम सरसों का तेल, 25 ग्राम नींबू का रस मिलाकर लगाएं, जम जूं नष्ट हो जाएंगी|
9. स्तन विकार
(स्तनों का उभार) स्त्री के स्तनों पर सरसों के तेल की नित्य मालिश करने से स्तनों में मोटापन एवं उभार आता है|
10. होंठ फटना
सीने से पहले सरसों का तेल नाभि पर लगाने से होंठ नहीं फटते|
11. कर्ण रोग
कान में कीड़ा चला गया हो तो सरसों के तेल का गर्म करके डालने से कीड़ा बाहर आ जाता है सरसों का तेल कान में डालने से कान का दर्द, कान में आवाज और बहरेपन में लाभ होगा| इससे श्वास रोग दब जाता है और कफ की गांठ निकल जाती है|
12. जलना
जले हुए अंग पर सरसों का तेल लगाने से छाला नहीं पड़ता|
13. नाभि के रोग
नाभि के स्थान से हटने, सही काम न करने से प्राय: पेट में दर्द, गैस, दस्त, भूख न लगना आदि विकार हो जाते हैं| रोग की तीव्रता होने पर रुई का फोया तेल में भर कर इसे नाभि पर रखें और पट्टी से बांध दें| इसके अतिरिक्त श्वास-कास, सिर-दर्द, वातव्याधि, उन्माद, अपस्मार, कमर का दर्द आदि में भी नाभि पर तेल लगाने से लाभ होता है| यह एक सप्ताह तक लगा सकते हैं| नाभि पर तेल लगाने के बाद शीतल पेय नहीं पीना चाहिए, बल्कि आराम करना चाहिए|
14. कब्ज
सरसों के तेल द्वारा पेट की मालिश करने से कब्ज दूर होता है|
15. दन्त रोग
(दांत दर्द) एक-दो बार सरसों का तेल एक नथुने से सूंघने पर दांत का दर्द कुछ समय के लिए बंद हो जाता है| इसे सूंघने से नाक, कान, नेत्र और सिर को शक्ति मिलती है| सरसों का तेल, नींबू का रस, सैंधा नमक मिलाकर मंजन करने से दांत साफ होते हैं| दांत का हिलना भी बन्द होता है| नमक बहुत बारीक कपड़े में छानकर, सरसों के तेल में मिलाकर मंजन करने से भी दांत-दर्द, मसूड़े आदि फूलना ठीक हो जाता है|
16. मालिश
शीत ऋतु में त्वचा की रूक्षता मिटाने एवं स्निग्ध बनाए रखने के लिए शरीर की मालिश करनी चाहिए| इससे त्वचा सुन्दर दिखती है| मालिश के लिए सरसों का तेल उपयोग में लें| रात को सोते समय सरसों के तेल की मालिश करने से मच्छर नहीं काटते| कसरत से थकान होने पर पैरों पर मालिश करने से लाभ होता है| भाव प्रकाश में लिखा है कि पैरों के तलवों में तेल की मालिश करने से उनमें स्थिरता रहती है, नींद गहरी आती है, आंखों की रोशनी बढ़ती है; पैरों का फटना बन्द होता है; पैरों का सो जाना, थकावट, स्तम्भ तथा संकोच मिटता है| पैरों में किसी भी प्रकार के रोग नहीं होते|
NOTE: इलाज के किसी भी तरीके से पहले, पाठक को अपने चिकित्सक या अन्य स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता की सलाह लेनी चाहिए।
Consult Dr. Veerendra Aryavrat +91-9254092245
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