उम्मीद और विश्वास के बलबुते जीवन महान बनता है!
पाकिस्तान के प्रति भारत अपना मानवीय कर्तव्य निभाने से कभी पीछे नहीं रहता। एक बार फिर भारत ने पाकिस्तानी बच्ची के साथ पवित्र रिश्ता निभाकर यह साबित भी कर दिया है। नोएडा के सेक्टर 12 में स्थित फोर्टिस अस्पताल ने लिवर की बीमारी से पीड़ित पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के हैदराबाद की रहने वाली सात वर्षीय अनाबिया के माता-पिता के पास इलाज के पूरे पैसे न होने के बावजूद आर्गन ट्रांसप्लांट कर उसे नई जिंदगी दी है। फोर्टिस अस्पताल के डाॅ. विवेक विज ने मानवीय फर्ज निभाने की मिसाल प्रस्तुत की है। यह पहल चिकित्सा जगत को अधिक से अधिक मानवीय बनने की सीख देती है। धरती में पलने वाला प्रत्येक जीवन अनमोल है। हमें किसी भी कीमत पर जीवन को बचाने के लिए सदैव आगे आना चाहिए। डाॅ. विवेक विज जैसे चिकित्सकों के मानवीय प्रयासों पर ही मानव जाति की उम्मीद और विश्वास टिका है।
जय हिंद, जय श्रीकृष्ण भारत व पाकिस्तान के बीच संबंध अच्छे हों और दोनों देशों में शांति कायम रहे। यह मुबारक संदेश अपनी चिट्ठी के माध्यम से कराची हाईस्कूल के विद्यार्थियों ने भेजे हैं। दोनों देशों के बीच भले ही तल्खी भरे संबंध हों लेकिन वहां रहने वाले विद्यार्थी आपसी भाईचारा व सौहार्द बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, अलीगंज कैम्पस, लखनऊ के विद्यार्थियों द्वारा लिखे गए पत्र के जवाब में पाक के विद्यार्थियों ने प्यार के पैगाम भेजे हंै। भारत पाकिस्तान पेन फ्रेंड्स क्लब की ओर से दोनों देशों की बीच विद्यार्थियों ने पत्रों के माध्यम से एक-दूसरे को यह पैगाम भेजे हंै। इन विद्यार्थियों ने मानव जाति को सन्देश दिया है कि अन्धकार को क्यों धिक्कारे अच्छा है एक उम्मीद और विश्वास का दीया जलाये। कुदरत का नियम है कि हमें जो चाहिए हैं उसे हम दूसरों को देना शुरू कर दें तो वह कई गुना होकर हमारे पास लौटता है। हमारी उम्मीद और विश्वास है कि भारत ही निकट भविष्य में विश्व में शान्ति तथा एकता स्थापित करेगा।
योग से प्रेरित एलबम को ग्रैमी अवार्ड से सम्मानित किया गया। अमेरिका के कैलिफोर्निया संता मोनिका के व्हाइट सन के ‘व्हाइट सन द्वितीय’ को बेस्ट न्यू एज एलबम के लिए ग्रैमी अवार्ड से नवाजा गया है। यह एलबम कुंडली योग पर आधारित है। इसको गुरजस, हरजीवन सिंह खालसा और आदम बेरी ने तैयार किया। इनको योग मंत्र के संगीतकार के रूप में जाना जाता है। इन्होंने कड़े मुकाबले में आयरलैंड की संगीतकार एवं गीतकार इनया और पियानोवादक जाॅन बुर्के को पछाड़कर पहली बार यह पुरस्कार जीता है। प्राचीन भारत की अनुपम देन योग को आज सारा विश्व अपना रहा है। योग को विश्व का प्रत्येक व्यक्ति अपनी दिनचर्या का अनिवार्य अंग बनाये। स्वास्थ्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है।
आसान नहीं साइकिल तथा बैलगाड़ी से राॅकेट ढोने वाले इसरो से मुकाबला। मंगल और चंद्रमा तक पहुंच चुके इसरो का सफर अत्यन्त सीमित साधनों के साथ शुरू हुआ था। शुरूआती दिनों में इसरो का राॅकेट लाॅन्चपैड तक साइकिल पर लादकर ले जाया गया था। भारत ने जब अपना पहला उपग्रह आर्यभट्ट 1975 में प्रक्षेपित किया तो उसे भी बैलगाड़ी पर लादकर लाॅन्चपैड तक पहुंचाया गया था। आज इसरो ने सारे विश्व में अपने को सर्वोच्च स्थान पर स्थापित किया है। इसरो के वैज्ञानिकों तथा उनके सहयोगियों के हौसले की जितनी प्रशंसा की जाये वे कम हैं। इसरो सारे विश्व में उम्मीद, विश्वास, प्रगति तथा समृद्धि की मिसाल बन गया है।
मशहूर अमेरिकी लेखक सैम्युअल डिलेनी का कहना है कि प्रतिभा का उम्र से कोई मतलब नहीं होता। मेरा बचपन भयानक रूप से विरोधाभासी था। मुझे एक स्मार्ट बच्चे के रूप में बचपन से ही अलग कर दिया गया था। जब मैं पांच वर्ष का था, तो मुझे प्रतिभा निखारने के लिए मां के साथ छह हफ्ते का समय वासर समर इंस्टीटयूट में बिताना पड़ा था। मेरे पिता हम लोगों से मिलने सप्ताहांत पर वासर परिसर आते थे। मेरी मां का मानना था कि मैं एक होनहार बच्चा हूं और संस्थान में होने वाले संगीत, नाटक और विज्ञान कार्यक्रमों का मुझ पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा। फिर आठ से सोलह वर्ष की उम्र तक मुझे हफ्ते में दो बार विशेष शिक्षक एवं मनोवैज्ञानिक के पास जाना पड़ता था, जो मेरी वर्तनी और लेखन सुधारने में मदद करते थे। आर बकमिंस्टर फुलर कहते है कि किसी भी बदलाव के लिए नया माडल बनाना पड़ता है, जो मौजूदा माॅडल की जगह ले।
रंग एकदम साफ, कद यही कोई पांच फुट नौ-दस इंच। चेहरे पर सुकून और चमकती आंखें। लखनऊ के बाबू बनारसी दास बैडमिंटन अकादमी के कोर्ट किनारे ऐसा लड़का हाथ में रैकेट लिए खड़ा था। थोड़ी देर बाद जब वह कोर्ट पर उतरा तो उसकी तेजी देखते ही बन रही थी। कोर्ट के हर कोने का भरपूर उपयोग। झन्नाटेदार शाट्स और चतुराई भरे ड्राप देखकर वह एक परिपक्व खिलाड़ी लग रहा था। थोड़ी देर बाद कोच रविंदर सिंह ने उसे आवाज लगाई ‘लक्ष्य…वेरी गुड, कैरी आॅन।’ पता चला कि यह दुनिया का नम्बर वन जूनियर खिलाड़ी लक्ष्य सेन है। अल्मोड़ा के रहने वाले विश्व के इस नम्बर वन खिलाड़ी लक्ष्य सेन उम्मीद और विश्वास की शानदार मिसाल है।
हौसले की उड़ान किसी भी व्यक्ति को समाज में खास बनाती है। जिनमें हौसला होता है उन्हें कोई भी बाधा कामयाबी पाने से नहीं रोक सकती। न उन्हें संसाधनों की कमी खलती है और न ही शरीर की किसी प्रकार की अक्षमता। उनके हौसले इतने बुलंद कि राह की कठिनाइयां बौनी नजर आती हैं। लखनऊ के दिव्यांग खिलाड़ियों ने यह साबित कर दिया है कि अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो तो अपने सपनों को पूरा करने से कोई नहीं रोक सकता। इन दिव्यांग खिलाड़ियों ने कई मौकों पर अपने हुनर को साबित किया है। लखनऊ के जिलाधिकारी जीएस प्रियदर्शिनी ने दिव्यांग खिलाड़ियों की प्रतियोगिता का उद्घाटन किया।
दो साल पहले 12 साल की उम्र में अपने से छह साल बड़े खिलाड़ी को हराकर आइटीटीएफ वल्र्ड टूर जापान ओपन का अंडर-21 वर्ग का खिताब जीतने वाले टेबल टेनिस खिलाड़ी हरीमोतो तोमोकाजू आइटीटीएफ वल्र्ड टूर इंडिया ओपन में भाग लेने के लिए भारत आए हुए हैं। विश्व के 64वें नंबर के पैडलर 14 वर्षीय हरीमोतो दुनिया के सबसे चर्चित टेटे खिलाड़ियों में से एक हैं। यह विशेष पैडलर 2015 में पोलिश ओपेन के पहले राउंड में पहुंचते ही आइटीटीएफ वल्र्ड टूर पुरूष सिंगल्स में खेलने वाला सबसे युवा खिलाड़ी बना था।
समाजसेविका अवंतिका के अनुसार स्थानीय बुनकरों एवं दस्तकारों को रोजगार मुहैया कराने के लिए रूही से इन कलाकारों को जोड़ा गया है। डिमाश असम की एक जनजाति है। इनको ‘डिमा-बासा’ और डिमासा-कछारी भी कहते हैं। चटकीले रंग और अनूठे पैटर्न उत्तरी कछाए हिल्स की डिमाश जनजाति के पारंपरिक परिधानों की पहचान रहे हैं। हाफलांग में रूही नामक लेबल के अंतर्गत अब इन परिधानों को नए अंदाज में पेश किया जा रहा है। लोक कलाओं को प्रोत्साहित करने की यह एक सराहनीय एवं अनुकरणीय पहल है। अच्छी बात यह है कि युवाओं को ये पारंपरिक उत्पाद पसंद आ रहे हैं। हर साहसी व्यक्ति की एक सी कहानी है, जिन्हें वक्त ने हताशा से लड़ने की ताकत दी। बुरे वक्त से छुटकारा वही पाता है, जिसे खुद से उम्मीद और विश्वास हो।
शादियों में वर कन्या से अगर आप परिणय पौध लगवाना चाहते हैं तो आपको भटकने की जरूरत नहीं है। ये सुविधा आपको भारत के किसी भी शहर में मिलेगी। परिणय पौधरोपण के साथ ही उसे संतान की तरह पालने का संकल्प दिलाया जाता है। घर तक आम का पौध पहुंचाने में आने वाला खर्च जीवन बचाओ आंदोलन समिति उठाएगी। यही नहीं पौध के साथ ही गमला व मिट्टी भी दी जाती है, जिससे पौध सूखे न। इसके लिए वेबसाइट जीवन बचाओ आंदोलन डाॅट इन पर भी शादी की तिथि से कम से कम 15 दिन पूर्व आवेदन किया जा सकता है। समिति यूपी के साथ ही अन्य राज्यों में भी परिणय पौध लगवा चुकी है।
काम जब हमारे मन मुताबिक नहीं होता, तो हम थका हुआ महसूस करते हैं।’ यह मानना है डाॅ. मारियाना बोकारोवा का। वह चर्चित साइकोलाॅजिस्ट हैं और टोरंटो यूनिवर्सिटी से जुड़ी हैं। उनकी मशहूर किताब है रोमैंटिकली अटैच्ड। जिंदगी में थोड़ा-बहुत समझौता तो समझ में आता है। लेकिन अपने स्वभाव से बिल्कुल अलग नहीं जाना चाहिए। हमें अपने लिए काम ऐसा ढूंढ़ना चाहिए, जो हमारे स्वभाव के आस-पास हो। हम जब ऐसा करते हैं, तो फिर मन उखड़ता नहीं है। मन के मुताबिक जब चीजें चल रही होती हैं, तो वह खुश होता है। साथ ही इंसान की उच्चतम संभावनायें खुलती हैं।
फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने अपनी फेसबुक पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। उन्होंने इस पोस्ट में ‘वैश्विक समुदाय का निर्माण’ विषय पर चर्चा करते हुए लिखा, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीखना चाहिए कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल कैसे करें? मार्क जुकरबर्ग ने अपनी लंबी पोस्ट में लिखा कि किस तरह आजकल लोग चुनाव खत्म होने के बाद भी अपने नेता से मुद्दों और रोजमर्रा की जरूरतों के लिए जुड़े रहते हैं। पोस्ट के माध्यम से यह भी बताया कि किस तरह से सोशल मीडिया जनता को उनके चुने हुए नेताओं के साथ सीधे संपर्क में रहने में मदद करता है। फेसबुक के सीईओ ने ये भी बताया कि पुराने समय में जब टीवी ही जानकारी पाने का पहला माध्यम हुआ करता था। 21वीं सदी में सोशल नेटवर्किंग साइट ने टीवी की जगह ले ली है। मार्क जुकरबर्ग आज सारे विश्व के लिए उम्मीद और विश्वास की मिसाल बन गये हैं। उन्होंने विश्व के लोगों को आत्मीयता की डोर से बांधने की नई इबादत लिख दी है। सूचना एवं संचार माध्यमांे के तीव्र विकास ने सारी वसुधा को कुटुम्ब का स्वरूप प्रदान किया है।
प्रदीप कुमार सिंह, शैक्षिक एवं वैश्विक चिन्तक
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