इतना तो साई करना जब प्राण तन से निकले
इतना तो साई करना जब प्राण तन से निकले
इतना तो साई करना अर्जी सुन लेना ,मेरी अर्जी सुन लेना
इतना तो साई करना जब प्राण तन से निकले
इतना तो साई करना जब प्राण तन से निकले
श्री साई साई कहते फिर प्राण तन से निकले
शिर्डी पूरी अस्थल हों गोदावरी का तट हों साई चरण का जल हों
मेरे मुख में तुलसी दल हों, मेरे मुख में तुलसी दल हों
सन्मुख मेरा साई खड़ा हों जब प्राण तन से निकले
इतना तो साई करना जब प्राण तन से निकले…
मेरा प्राण निकले सुख से,साई नाम निकले मुख से
बच जाऊँ घोर दुःख से यम न डरावे भय से
साई बाबा जल्दी आना जब प्राण तन से निकले…
इतना तो साई करना जब प्राण तन से निकले
मेरी अन्तिम अर्जी सुन ले इसको न ठुकराना
दर्शन मुझे दे देना ,नही साई भूल जाना ,नही साई भूल जाना
साई मुझ को विभूति देना जब प्राण तन से निकले..
इतना तो साई करना जब प्राण तन से निकले..
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