Homeभजन संग्रहश्री राम जी के भजनदूलह राम, सीय दुलही री

दूलह राम, सीय दुलही री

भजन - श्री राम जी - दूलह राम, सीय दुलही री

दूलह राम, सीय दुलही री ।

घन दामिनि बर बरन हरन मन ।
सुन्दरता नख सिख निबही री ॥

तुलसीदास जोरी देखत सुख ।
सोभा अतुल न जात कही री ॥

रूप रासि विरचि बिरंचि मनु ।
सिला लमनि रति काम लही री ॥

 

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