Homeभजन संग्रहश्री हरि जी के भजनहरि तुम हरो जन की भीर

हरि तुम हरो जन की भीर

भजन - श्री हरि जी - हरि तुम हरो जन की भीर

हरि तुम हरो जन की भीर,
द्रोपदी की लाज राखी, तुम बढ़ायो चीर॥

भगत कारण रूप नरहरि धर्‌यो आप सरीर ॥
हिरण्यकश्यप मारि लीन्हो धर्‌यो नाहिन धीर॥

बूड़तो गजराज राख्यो कियौ बाहर नीर॥
दासी मीरा लाल गिरधर चरणकंवल सीर॥

 

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हरि भजन
रे मन हर