मन रे परसि हरिके चरण
मन रे परसि हरिके चरण।
सुभग सीतल कंवल कोमलत्रिविध ज्वाला हरण।
जिण चरण प्रहलाद परसे इंद्र पदवी धरण॥
जिण चरण ध्रुव अटल कीन्हे राख अपनी सरण।
जिण चरण ब्रह्मांड भेटयो नखसिखां सिर धरण॥
जिण चरण प्रभु परसि लीने तेरी गोतम घरण।
जिण चरण कालीनाग नाथ्यो गोप लीला-करण॥
जिण चरण गोबरधन धार।ह्यो गर्व मघवा हरण।
दासि मीरा लाल गिरधर अगम तारण तरण॥
Spiritual & Religious Store – Buy Online
Click the button below to view and buy over 700,000 exciting ‘Spiritual & Religious’ products
700,000+ Products