Homeभजन संग्रहभगत कबीर जी के भजनरे दिल गाफिल गफलत मत कर

रे दिल गाफिल गफलत मत कर

भजन - भगत कबीर जी - रे दिल गाफिल गफलत मत कर

रे दिल गाफिल गफलत मत कर
एक दिना जम आवेगा॥

सौदा करने या जग आया
पूजी लाया  मूल गॅंवाया
प्रेमनगर का अन्त न पाया
ज्यों आया त्यों जावेगा॥ १॥

सुन मेरे साजन  सुन मेरे मीता
या जीवन में क्या क्या कीता
सिर पाहन का बोझा लीता
आगे कौन छुडावेगा॥ २॥

परलि पार तेरा मीता खडिया
उस मिलने का ध्यान न धरिया
टूटी नाव उपर जा बैठा
गाफिल गोता खावेगा॥ ३॥

दास कबीर कहै समुझाई
अन्त समय तेरा कौन सहाई
चला अकेला संग न को
कीया अपना पावेगा॥ ४॥

 

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