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मोदी तथा प्रेसीडेंट ट्रम्प से वल्र्ड पार्लियामेंट बनाने की अपील की

मोदी तथा प्रेसीडेंट ट्रम्प से वल्र्ड पार्लियामेंट बनाने की अपील की

लखनऊ, 01 मार्च 2020ः सिटी मांटेसरी स्कूल, कानपुर रोड में आयोजित इंडियन जॉर्नलिस्ट यूनियन मीट के दौरान सीऽएमऽएस के संस्थापक एवं प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ जगदीश गाँधी ने प्रधानमंत्री मोदी तथा राष्ट्रपति ट्रम्प से वल्र्ड पार्लियामेंट बनाने की अपील की है। ’डॉ गाँधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी एवं ’राष्ट्रपति ट्रम्प विश्व के 7.5 अरब लोगों (जिसमे 2.5 अरब बच्चे भी शामिल हैं) और आगे आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए विश्व संसद के गठन पर परामर्श करें। मानवजाति का भविष्य दूसरे विश्व युद्ध के बाद से पिछले सात दशकों के दौरान अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, हथियारों के जखीरों के बढ़ने, सामूहिक विनाश, एक तीसरे विश्व युद्ध और एक परमाणु प्रलय के डर के कारण और भी अधिक असुरक्षित हो गया है।

सी.एम.एस. के संस्थापक डॉ जगदीश गाँधी ने लखनऊ में आयोजित इंडियन जॉर्नलिस्ट यूनियन मीट में कहा कि जैसे कि विश्व संसद को यूरोपीय संसद की तरह बनाना चाहिए, जो कि 27 यूरोपीय राष्ट्रों का एक संगठन है। और यह संगठन इन यूरोपीय राष्ट्रों की एकता, शांति और समृद्धि के साझा लक्ष्य के लिए काम कर रहा है, और जहां किसी भी देश को अपनी संप्रभुता नहीं छोड़नी है। अतः डॉ जगदीश गाँधी ने पी.एम. मोदी तथा प्रेसीडेंट ट्रम्प से यह अपील की है कि वे एक ग्लोबल मीटिंग बुलाकर के एक विश्व संसद का निर्माण करें।
डॉ गाँधी ने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी बाजपेई जी भी स्वयं चाहते थे और उन्होंने कहा था कि “हम जंग न होने देंगें! हम विश्व शांति के साधक है, जंग न होने देंगें!” भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी का अपने देश की प्राचीन संस्कृति और सभ्यता ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और भारत के संविधान, अनुच्छेद (51) में अटूट विश्वास हैं। भारत के संविधान ‘अनुच्छेद 51’ में विश्व शांति का प्राविधान किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने अनेकों बार विश्व शांति एवं विश्व एकता के बारे में कहा गया है। पी.एम. मोदी ने हाल ही में ट्वीट कियाः भारत और अमरीका के बीच मजबूत दोस्ती न केवल हमारे नागरिकों के लिए बल्कि पूरे विश्व ने नागरिकों के लिए बेहतर साबित होगी।

डॉ जगदीश गांधी ने बताया कि 23 जनवरी 2018 को पी.एम. मोदी ने 110 से अधिक देशों के 3000 वैश्विक प्रतिभागियों की उपस्थिति में दावोस (स्विटजरलैण्ड) में विश्व आर्थिक मंच (ॅवतसक म्बवदवउपब थ्वतनउ ) के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहाः “भारत अनादिकाल से मानवजाति को एकजुट करने में विश्वास करता रहा है…. वसुधैव कुटुम्बकम (पूरी दुनियाँ एक परिवार है) की अवधारणा आपसी मतभेदों को पाटने में और भी अधिक प्रासंगिक है…. पहले से कहीं ज्यादा नियमों के आधार पर इस संसार की अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली का पालन करना अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।” पी.एम. मोदी ने भारत में और विदेशों में कई अवसरों पर विश्व एकता और विश्व शांति की आवश्यकता पर जोर दिया है।

राष्ट्रपति श्री डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान 15 दिसंबर 2015 को लास वेगास (यूएसए) में अमेरिकी मतदाताओं से वादा करते हुए कहा थाः “मुझे लगता है की मैं दुनियाँ में एकता लाऊंगा। यही मै करता हूँ! मैं शांति और एकता के लिए काम करता हूँ।” 24 मई 2017 को पवित्र वेटिकन सिटी में श्री ट्रम्प ने परमपूज्य पोप से वादा किया थाः “मैं दुनियाँ में शांति कायम करने के लिए पहले से कहीं अधिक दृढ़ हूँ।”

डॉ जगदीश गाँधी ने राष्ट्रपति ट्रम्प को उक्त किये गए वादों को भी याद दिलाते हुए कहा है कि “आपने जो अमेरिकीय नागरिकों व परमपूज्य पोप से वादा किया है उसे पूरा करने का समय आ गया है।” यह तभी संभव होगा जब भारत और संयुक्त राष्ट्र अमेरिका मिलकर इस पर पहल करें। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प दोनों ने ही विश्व एकता और विश्व शांति लाने का वादा किया है। यह दुनियाँ के दो सबसे बड़े लोक तंत्रों के लिए एक उपयुक्त समय है, जो संसार में मानवता की भलाई के लिए एक साथ आये हैं और यूरोपीय संसद जो की 27 संप्रभु यूरोपीय राष्ट्रों का सहयोग है, जहां किसी भी राष्ट्र को अपनी संप्रभुता को छोड़ने की आवश्यकता नहीं है। और प्रत्येक राष्ट्र एक साझा सपने जो और साझा उद्देश्य के लिए तथा यूरोपीय एकता, शांति और समृद्धि के साझा लक्ष्य के लिए काम करता है। इसी तरह से विश्व संसद की स्थापना करके विश्व एकता और विश्व शांति स्थापित करने का समय आ गया है।

(हरि ओम शर्मा)
मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी
सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ

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