जानें, कैसे करे पौधे का इस्तेमाल
पौधे हमारे जीवन के लिए बहुत जरूरी है। स्वास्थ्य के नजरिए से कई औषधियां विशेष लाभदायी है।लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि वनस्पतियों का प्रयोग ज्योतिष में भी किया जाता है। अपामार्ग, एलोवेरा, पुनर्नवा, सर्पगंध जैसी कई ऐसी वनस्पतियां है जिनके औषधीय और ज्योतिषीय दोनों लाभ होते हैं। आइए जानते हैं इन चमत्कारी वनस्पतियों के बारे में।
अपामार्ग-
– बाग़ बगीचों और झाड़ियों में सरलता से पैदा होने वाला पौधा अपामार्ग है।
– इसकी पहचान यह है कि इसके पौधे के पास जाने पर इसके छोटे छोटे कांटेदार फूल कपड़ों से चिपक जाते हैं ।
– इसकी जड़ की दातुन करने से दांतों की हर प्रकार की समस्या दूर हो जाती है।
– इसकी पत्तियों को पानी में उबाल कर पीने से अदभुत तरह से लाभ मिलता है।
– वृष, कन्या और मकर राशियों के लिए इसकी जड़ और पत्तियों का प्रयोग उन्हें स्वस्थ रखता है।
एलोवेरा
– इसको घृतकुमारी भी कहा जाता है ।
– आमतौर पर पत्थरों के बीच में पैदा होने वाली वनस्पति है, पर अब लोग इसे घरों में भी खूब लगाते हैं।
– यह त्वचा और सौंदर्य के अमृत के समान है, इसके प्रयोग से चेहरे की झुर्रियां तक गायब हो जाती हैं ।
– सुबह सुबह खाली पेट इसका दो से चार चम्मच रस लेने से दिन भर व्यक्ति चुस्त रहता है साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है
– कर्क, वृश्चिक और मीन राशी के लोगों के लिए यह संजीवनी के समान होता है।
पुनर्नवा
– आम बोलचाल की भाषा में इसे गदपूरना भी कहा जाता है।
– यह वनस्पति हर साल नवीन हो जाती है और इसका सेवन करने वाला भी पुनः पुनः नया हो जाता है, अतः इसे पुनर्नवा कहा जाता है।
– पुनर्नवा दो प्रकार की की होती है – लाल और सफ़ेद।
– सफ़ेद पुनर्नवा ज्यादा लाभकारी होती है।
– पीलिया का रोग पुनर्नवा के प्रयोग से बहुत जल्दी ठीक होता है।
– साथ ही सांस के रोग और पथरी में भी यह अत्यंत लाभकारी है।
– मेष, सिंह और धनु राशी वालों के लिए पुनर्नवा का सेवन बहुत लाभकारी होता है।
सर्पगंधा
– इसके पत्ते लम्बे, चमकीले और नोकदार होते हैं।
– इसके प्रयोग से सर्प और बिच्छू का विष नष्ट होता है।
– साथ ही मानसिक रोग और अनिद्रा में लाभ होता है।
– यह मानसिक उन्माद की इतनी सटीक दवा है कि इसे लोग पागलपन की दवा भी कहते हैं।
– मिथुन, तुला और कुम्भ राशि वालों के लिए इसका प्रयोग अच्छा रहता है।
– बिना किसी वैद्य के परामर्श के इस वनस्पति का सेवन बिलकुल न करें।
चौलाई
– चौलाई के पौधे बहुतायत में हर जगह पाए जाते हैं।
– इसके जड़, तना और पत्तियों को खाने में प्रयोग किया जाता है।
– इसके अन्दर स्वर्ण के अन्दर पाए जाने वाले गुण पाए जाते हैं।
– इसका नियमित सेवन करने से अनीमिया दूर हो जाता है।
– जिन लोगों को नशे की आदत हो, उन्हें चौलाई का साग खिलाने से नशे की आदत छूट जाती है।
– जिनकी कुंडली में मंगल कमजोर हो, उन्हें इसका सेवन जरूर करना चाहिए।
दूब
– दूब, बहुतायात में चारों तरफ पायी जाने वाली एक विशेष तरह की घास है।
– यह इतनी गुणकारी है कि इसको महौषधि भी कहा जाता है।
– दूब को पीस कर पैरों पर रखने से, पैरों की बिवाईयां ठीक हो जाती हैं।
– दूब का ताजा रस प्रातःकाल पीने से मानसिक रोगों में अदभुत लाभ होता है, त्वचा के रोगों से मुक्ति मिलती है।
– दूब के पत्तों को गर्म पानी में उबाल कर कुल्ला करने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।
– अगर कुंडली में बुध या चन्द्र कमजोर हो, तो दूब का सेवन जरूर करें।
– तेजस्वनी पटेल, पत्रकार
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