आखिर, क्या है देवो के देव महादेव के जन्म का रहस्य
शिव, जो देवों के देव महादेव इस सृष्टि पर सबसे शक्तिशाली और बलशाली माने जाते हैं। हिंदू मान्यता के अनुसार, शिव विनाशक हैं, ब्रह्मा रचयिता हैं और विष्णु संरक्षक हैं। इसलिए हिंदू धर्म में भगवान शिव को सबसे बड़ा स्थान प्राप्त है। भोलेनाथ का अस्तित्व इस धरती पर विष्णु और ब्रह्मा के वजह से ही है। तो जानते है कि आखिर भगवान शिव के जन्म के पीछे क्या रहस्य है।
ऐसा कहा जाता है कि महादेव की कोई मां नहीं थी, अर्थात उनका जन्म मां के पेट से नहीं हुआ। बल्कि वे इस धरती पर अवतरित हुए थे। एक बार दोनों विष्णु और ब्रह्मा में इस बात पर बहस छिड़ गई कि कौन उन दोनों में से ज्यादा श्रेष्ठ है। इस बहस के बीच अचानक से एक रहस्यमय स्तंभ प्रकट हुआ और वो इतना लंबा था कि ना उसका ऊपर से छोर दिख रहा था ना नीचे से, ये देख दोनों विष्णु और ब्रह्मा अचरज में पड़ गए। उन्हें लगा कि क्या इस धरती पर कोई तीसरी महाशक्ति भी है जो उनसे ज्यादा ताकतवर है। तब दोनों ने निर्णय किया वो इस रहस्यमय स्तंभ का राज समझकर रहेंगे।
तब ब्रह्मा जी ने अपने आप को एक बत्तख में परिवर्तित कर लिया, वहीं विष्णु ने सूअर का रूप धारण कर लिया। अब ब्रह्मा गए आसमान की तरफ और विष्णु गए पाताल की तरफ। दोनों का लक्ष्य एक ही था कि किसी भी प्रकार से इस स्तंभ का रहस्य समझा जाए। अब काफी वर्ष बीत गए लेकिन दोनों में से कोई भी उस स्तंभ के आखिरी छोर तक नहीं पहुंच पाया।जब दोनों असफल होकर वापस अपनी जगह पर आए उन्होंने देखा कि उस स्तंभ से भगवान शिव प्रकट हो रहे थे। वैसे बता दें, वो स्तंभ भी भोलेनाथ का एक रूप था। भगवान शिव के इस विकराल रूप को देखकर दोनों विष्णु और ब्रह्मा समझ गए कि शिव की शक्ति उन दोनों से अधिक है और वे इस सृष्टि के सबसे शक्तिशाली प्राणी है। कहा जाता है यही वो पल था जब महादेव पहली बार धरती पर अवतरित हुए।
– तेजस्वनी पटेल, पत्रकार
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